नई दिल्ली : भारत के चार राज्यों में राज्यसभा की 16 सीटों के लिए शुक्रवार 10 जून को हुए मतदान के नतीजे शनिवार सुबह को घोषित कर दिए गए. राज्यसभा सदस्यों के लिए हुए इस चुनाव में भाजपा को महाराष्ट्र, कर्नाटक और हरियाणा में बड़ी कामयाबी मिली है, जबकि राजस्थान में कांग्रेस ने बाजी मारी है. राज्यसभा के 16 सदस्यों के लिए शुक्रवार को हुए मतदान में केंद्रीय मंत्रियों में निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल, कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला और जयराम रमेश तथा शिवसेवा के संजय राउत चुनाव जीत गए हैं. महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव नियमों के कथित उल्लंघन और ‘क्रॉस वोटिंग’ के आरोपों को लेकर खींचतान से शुक्रवार को मतगणना में करीब आठ घंटे की देरी हुई.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के बेहतर चुनाव प्रबंधन के कारण पार्टी के दो उम्मीदवार और उसके समर्थन वाले एक निर्दलीय उम्मीदवार ने कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा में जीत हासिल की, जबकि उनके जीतने की संभावनाएं बेहद कम थीं. महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन महाविकास अघाड़ी को तब झटका लगा, जब मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने राज्य में छह राज्यसभा सीटों में से तीन पर जीत हासिल की.
राज्यसभा चुनाव नतीजे करीब आठ घंटे की देर से शनिवार तड़के घोषित किए गए. भारतीय जनता पार्टी के विजयी उम्मीदवारों में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, प्रदेश के पूर्व मंत्री अनिल बोंडे और धनंजय महाडिक शामिल रहे. शिवसेना का राष्ट्रीय स्तर पर चेहरा रहे संजय राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी ने भी जीत हासिल की. भाजपा के पूर्व सांसद धनंजय महाडिक ने छठी सीट के लिए शिवसेना के संजय पवार को हरा दिया. विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट किया कि चुनाव केवल लड़ने के लिए नहीं बल्कि जीतने के लिए लड़े जाते हैं. उनके राज्यसभा के लिए आम सहमति से उम्मीदवार निर्वाचित करने से इनकार करने के कारण 24 साल बाद ऊपरी सदन के लिए राज्य में चुनाव कराने पड़े.
हरियाणा में कांग्रेस को झटका देते हुए भाजपा के कृष्ण लाल पंवार और पार्टी के समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा ने प्रदेश से राज्यसभा की दो सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस के अजय माकन हार गए. निर्वाचन अधिकारी आरके नंदल ने बताया कि पंवार को 36 वोट मिले, जबकि शर्मा के खाते में प्रथम वरीयता के 23 मत गए और 6.6 वोट भाजपा से स्थानांतरित होकर आए, जिससे उनके मतों की कुल संख्या 29.6 हो गई. कांटे की टक्कर वाले इस मुकाबले में माकन को 29 वोट मिले लेकिन दूसरी वरीयता का कोई वोट न होने के कारण वह हार गए.
वहीं, कर्नाटक में भाजपा ने जोरदार समर्थन हासिल करते हुए राज्यसभा की उन सभी तीनों सीटों पर कब्जा जमाया, जिस पर उसने चुनाव लड़ा था. राज्य में संसद के उच्च सदन के लिए चार सीटों पर चुनाव हुआ. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने दो सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन वह एक ही सीट जीत पाई. जबकि, जद(एस) के खाते में एक भी सीट नहीं आई. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, अभिनेता से नेता बने जग्गेश और विधान परिषद सदस्य लहर सिंह सिरोया भाजपा से उच्च सदन में पहुचेंगे. वहीं, कांग्रेस के नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश को भी विजयी घोषित किया गया. सीतारमण और रमेश को कर्नाटक से संसद के उच्च सदन के लिए फिर से चुना गया है. चौथी सीट के लिए चुनाव परिणाम को लेकर रहस्य बना हुआ था, जिसमें तीनों राजनीतिक दलों के बीच कड़ी टक्कर देखी गई. हालांकि, चौथी सीट के लिए चुनाव में भाजपा के सिरोया ने मंसूर अली खान (कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार) और डी कुपेंद्र रेड्डी (जद-एस के एकमात्र उम्मीदवार) को हरा दिया.
राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने चार सीटों में से तीन पर आसानी से जीत दर्ज की और भाजपा के खाते में एक सीट गई. भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी और मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा हार गए. हरियाणा से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पिछला राज्यसभा चुनाव जीतने वाले चंद्रा ने इस बार राजस्थान से अपना भाग्य आजमाया था. प्रदेश से कांग्रेस उम्मीदवार रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी तथा भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी को निर्वाचित घोषित किया गया.
Also Read: Explainer : महाराष्ट्र में 1998 के बाद पहली बार आज राज्यसभा चुनाव के लिए होगा मतदान, जानिए क्या है कारण
एक दिलचस्प घटनाक्रम में भाजपा विधायक शोभारानी कुशवाह ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद तिवारी के लिए ‘क्रॉस वोटिंग’ कर पार्टी की किरकिरी करवा दी. पार्टी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है. जीत से उत्साहित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जब हर कोई जानता था कि हमारे पास 126 विधायक हैं, तो उन्होंने (भाजपा) निर्दलीय उम्मीदवार क्यों खड़ा किया? वे खरीद-फरोख्त की कोशिश करना चाहते थे, लेकिन यह हुआ नहीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत ने देश में एक मजबूत संदेश भेजा है. पार्टी अगले साल विधानसभा चुनावों में फिर से सत्ता में आएगी.