इम्फाल : मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा है कि राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार की जीत ने निस्संदेह ‘‘बहुमत और अल्पमत” के मुद्दे का निपटारा कर दिया है. उन्होंने यह बात कांग्रेस नीत विपक्ष पर हमला करते हुए कही जो चार मंत्रियों सहित सत्तारूढ़ गठबंधन के नौ सदस्यों द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के बाद सिंह के इस्तीफे की मांग कर रहा है.
मुख्यमंत्री ने मणिपुर से एकमात्र राज्यसभा सीट पर विजयी हुए भाजपा उम्मीदवार लीशेम्बा सनाजाओबा को बधाई देते हुए कहा, ‘‘जीत यह दिखाने के लिए पर्याप्त है कि कौन सी पार्टी बहुमत में है और कौन सी पार्टी अल्पमत में है . ”
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सनाजाओबा ने 28 मत प्राप्त कर राज्यसभा चुनाव में जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस के उनके प्रतद्वंद्वी टी मांगी बाबू को 24 वोट मिले. 60 सदस्यीय विधानसभा में आठ विधायकों ने मतदान नहीं किया. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार रात सनाजाओबा से उनके आवास पर मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘बहुमत और अल्पमत के मुद्दे पर आगे फिर से चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है.”
उन्होंने कहा कि भाजपा उम्मीदवार की जीत ने सबकुछ स्पष्ट कर दिया है और वह विवरण में नहीं जाना चाहते. मणिपुर में राज्यसभा चुनाव के दौरान बड़ा राजनीतिक ड्रामा देखने को मिला और नौ सत्तारूढ़ सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया.
भाजपा उम्मीदवार की जीत से पता चलता है कि पार्टी के पास अब भी बहुमत है और उसके अल्पमत में आने का विपक्ष का दावा साबित नहीं हो पाया. नौ सत्तारूढ़ सदस्यों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने मौका भांपते हुए भाजपा नीत सरकार को अपदस्थ करने के प्रयास तेज कर दिए थे और बृहस्पतिवार को राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला से बीरेन सिंह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने का आग्रह किया था.
कांग्रेस विधायक दल के नेता ओ इबोबी सिंह के नेतृत्व में राजभवन पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने दावा किया था कि उनके पास बहुमत है और मौजूदा सरकार बहुमत न होने के कारण गिर चुकी है. प्रतिनिधिमंडल में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के सदस्य भी शामिल थे. इस बीच, सनाजाओबा ने कहा कि वह अब लोगों के लिए वृहद स्तर पर काम कर पाएंगे.