Loading election data...

राज्यसभा : मणिपुर हिंसा, दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर सदन में हंगामा, कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित

गुरुवार के हंगामे के बाद शुक्रवार को भी राज्यसभा में मणिपुर हिंसा मामले की गूंज सुनाई दी. इसके अलावा दिल्ली सेवा अध्यादेश मामले पर भी विपक्षी पार्टियों ने हंगामा किया. जिसके बाद सदन की कार्रवाई सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

By Aditya kumar | July 21, 2023 4:05 PM

Rajya Sabha Monsoon Session : गुरुवार के हंगामे के बाद शुक्रवार को भी राज्यसभा में मणिपुर हिंसा मामले की गूंज सुनाई दी. इसके अलावा दिल्ली के सेवा मामले पर अध्यादेश के अदालत में विचाराधीन होने के बावजूद सरकार द्वारा उसके स्थान पर विधेयक लाए जाने और सदन की कार्यवाही से कुछ अंशों को कथित तौर पर हटा देने के मुद्दों पर भी विपक्ष ने सदन को हंगामे के नाम कर दिया. हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्रवाई शुक्रवार को एक बार स्थगित होने के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी.

सोमवार 11 बजे तक के लिए सदन की कार्रवाई स्थगित

बता दें कि हंगामे को स्थगित करने के बाद जैसे ही सदन की कार्रवाई शुरू करीब 2 बजकर 30 मिनट पर शुरू हुई, सभापति जगदीप धनखड़ ने दिल्ली के उपराज्यपाल को शक्तियां प्रदान करने के प्रावधान वाले ‘राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक’ का जिक्र किया. इसके विरोध में आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इसका विरोध शुरू कर दिया और इसे ‘गैर संवैधानिक’ बताया. इसके बाद सदन की कार्रवाई सोमवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.

‘यह लोकतंत्र के खिलाफ’, आप सांसद राघव चड्डा

इस मामले पर बातचीत के दौरान दिल्ली से आप के सांसद राघव चड्डा ने कहा कि “आज राज्यसभा में, हमने दिल्ली अध्यादेश का मुद्दा उठाया. हमने मांग की कि इसे वापस लिया जाए और इसका कोई महत्व नहीं है. यह लोकतंत्र के खिलाफ है और सरकार को इसे वापस लेना चाहिए. हमें उम्मीद है कि सभापति हमारी बात सुनेंगे.” आगे उन्होंने मणिपुर हिंसा पर कहा कि “मणिपुर जल रहा है और भयावह वीडियो सामने आए हैं. सरकार को इस पर चर्चा करनी चाहिए. वह क्यों भाग रही है? डबल इंजन सरकार है, फिर भी राज्य में इतनी हिंसा हो रही है…”

‘विपक्ष चर्चा नहीं करना चाहते’, सुशील मोदी का बयान

वहीं बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि विपक्ष चर्चा नहीं करना चाहते. साथ ही उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जब सदन के नेता पीयूष गोयल ने मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए अपनी सहमति दे दी है तो वे (विपक्ष) क्यों भाग रहे हैं?” इससे पहले सुबह जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और उसके बाद उन्होंने सदस्यों को गुरुवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विधेयकों पर चर्चा के लिए आवंटित समय के बारे में बताया.

आप ने विधेयक को बताया ‘गैर संवैधानिक’

इस दौरान उन्होंने ‘राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक’ का जिक्र किया. आम आदमी पार्टी (आप) ने इसका विरोध किया और कहा कि इस ‘गैर संवैधानिक’ विधेयक पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती. भारत राष्ट्र समिति के के केशव राव ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि मामला अदालत के विचाराधीन है, ऐसे में इस विधेयक पर चर्चा नहीं हो सकती. उन्होंने इस बारे में सभापति से जानकारी भी मांगी कि क्या ऐसा हो सकता है? सभापति ने इस पर कहा कि यह भ्रम है कि इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि इस सदन को किसी भी मुद्दे पर चर्चा कराने का अधिकार है.

अध्यादेश के खिलाफ याचिका को पांच सदस्यीय संविधान पीठ में भेजा

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली में सेवा मामले संबंधी अध्यादेश के खिलाफ एक याचिका को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेज दिया. धनखड़ ने जवाब देते हुए कहा कि संविधान बहुत ही ‘योग्य तरीके’ से सदन में चर्चा पर रोक लगाता है. उन्होंने कहा, ‘‘इस सदन को एक प्रतिबंध के साथ इस ग्रह पर हर चीज पर चर्चा करने का अधिकार है.’’ उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 121 उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के किसी भी न्यायाधीश के अपने कर्तव्यों के निर्वहन में आचरण पर संसद में चर्चा पर प्रतिबंध लगाता है.

राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक का बहिष्कार

मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मणिपुर मुद्दे पर संसद में बयान नहीं देने और दिल्ली के सेवा मामले पर अध्यादेश के अदालत के विचाराधीन होने के बावजूद सरकार द्वारा उसके स्थान पर विधेयक लाए जाने के विरोध में विपक्षी दलों के कई नेताओं ने गुरुवार को राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक का बहिष्कार किया था. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा लिखित में विपक्षी नेताओं का विरोध दर्ज नहीं किए जाने के बाद कांग्रेस, वाम दलों, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, राजद, राकांपा और आप सहित अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने बीएसी की बैठक से बहिर्गमन किया.

Next Article

Exit mobile version