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कांग्रेस के सांसद ने संसद को किया शर्मसार, टेबल पर चढ़कर स्पीकर पर रूल बुक फेंकी, देखें VIDEO

संसद से पारित कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया. ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे लगाये. एक सांसद ने टेबल पर चढ़कर आसन की ओर रूल बुक फेंककर संसद को शर्मशार कर दिया.

नयी दिल्ली: संसद का मानसून सत्र अब तक हंगामे की भेंट चढ़ चुका है. लेकिन, मंगलवार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण देने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक पर शांतिपूर्ण चर्चा हुई. बिल पास भी हो गया. लेकिन, राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष के एक सांसद ने कांग्रेस को शर्मसार कर दिया. राज्यसभा में टेबल पर चढ़कर वाइस चेयरमैन की ओर रूल बुक फेंका. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद पटेल ने इसकी आलोचना की और इस आचरण को अमर्यादित करार दिया.

विरोधी दलों के सांसदों ने मंगलवार को उच्च सदन में जमकर हंगामा किया. वर्ष 2020 में नरेंद्र मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए विपक्षी दलों के सांसदों ने ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे लगाये. इन्होंने तीनों कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए इन्हें वापस लेने की मांग की.

हालांकि, टेबल पर चढ़कर आसन की तरफ रूल बुक फेंकने वाले कांग्रेस के सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने जो कुछ भी किया, उसको जायज ठहराया. कहा कि वह और उनकी पार्टी कांग्रेस संसद में किसानों की आवाज बुलंद करती रहेगी. श्री बावजा ने कहा कि उन्होंने आसन की ओर रूल बुल फेंका, ताकि वे नियमों को पढ़ सकें, क्योंकि सदन नियम से ही चलता है.

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प्रताप सिंह बाजवा बाद में जब मीडिया से रू-ब-रू हुए, तो उन्होंने कहा कि देश भर का किसान आंदोलन कर रहा है. हम किसानों के साथ खड़े हैं. देश के किसानों को उनका हक दिलाने के लिए जो भी करना पड़ेगा करेंगे. उन्होंने किसानों से अपील की कि वे संसद के बाहर अपना आंदोलन जारी रखें. संसद के अंदर कांग्रेस उनके लिए लड़ती रहेगी. उनकी पार्टी किसानों को सरकार से उनका हक दिलाकर रहेगी.

पेगासस विवाद पर हंगामे की वजह से सदन बाधित

ज्ञात हो कि पेगासस जासूसी विवाद सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को राज्यसभा की बैठक बार-बार बाधित होने के बाद शाम चार बजे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी. उच्च सदन की बैठक हंगामे के कारण दोपहर दो बजे से पहले दो बार तथा दो बजे के बाद तीन बार बाधित हुई. हंगामे के कारण उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया, प्रश्नकाल बेहद संक्षिप्त रहा.

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इतना ही नहीं, ‘देश में कृषि से संबंधित समस्याओं और उनके समाधान’ पर अल्पकालिक चर्चा में केवल दो ही वक्ता अपनी बात रख पाये. तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, माकपा के इलामारम करीम तथा भाकपा के विनय विश्वम ने पेगासस मुद्दे पर चर्चा कराने का नोटिस दिया था, लेकिन उस पर चर्चा नहीं हो पायी.

Posted By: Mithilesh Jha

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