Rajya Sabha Ruckus : राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे और मार्शलों से उलझने का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है. विपक्षी दलों के द्वारा सरकार पर ‘सांसदों को मार्शलों से पिटवाने’ के आरोप लगाये जानें के बाद सदन के भीतर का सीसीटीवी फुटेज सामने आया. इस फुटेज में विपक्षी सांसद ही मार्शलों से उलझते नजर आ रहे हैं. मामले को लेकर सरकार ने पलटवार करते हुए विपक्ष पर शर्मनाक हरकत करने और महिला मार्शल तक से बदसलूकी का आरोप लगाने का काम किया है.
सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद अब खुद महिला मार्शल भी सामने आई है जिन्होंने आरोप लगाया है कि दो महिला सांसदों ने उन्हें जबरदस्ती घसीटने का काम किया. पार्लियामेंट सिक्यॉरिटी सर्विस के डायरेक्टर (सिक्यॉरिटी) को लिखित रिपोर्ट दी गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सांसदों ने उनके साथ बदसलूकी की. दो महिला सांसदों हाथ पकड़कर जबरदस्ती घसीटा ताकि पुरुष सांसद सुरक्षा घेरे को तोड़ने में सफल हों सकें.
राज्यसभा में कुछ सांसदों के बरताव पर नाराजगी : गुरुवार शाम को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मुलाकात की. इस दौरान दोनों ने मॉनसून सत्र में ‘संसद के दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम’ की समीक्षा की. उपराष्ट्रपति सचिवालय ने ट्वीट किया कि दोनों ने कुछ सांसदों के बरताव पर गहरी चिंता जतायी. दोनों ने पुरजोर तरीके से महसूस किया कि ऐसा अनुशासनहीन व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और उचित कार्रवाई की जानी चाहिए. सूत्रों ने कहा कि दोनों ने अतीत में हुए इस तरह के घटनाक्रमों और उनमें हुई कार्रवाइयों का विस्तृत अध्ययन करने का फैसला किया है, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों में कार्रवाई तय की जा सके.
राज्यसभा में बुधवार की घटना के एक दिन बाद नायडू ने सचिवालय के अधिकारियों के साथ बैठक की. अधिकारियों ने उन्हें बताया कि सदन में किसी भी बाहरी को सुरक्षाकर्मी के तौर पर तैनात नहीं किया गया था. राज्यसभा सचिवालय ने अपने बयान में कहा कि शुरुआत में 14 सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये थे, जिसे बढ़ा कर बाद में 42 किया गया. सदन की स्थिति को देखते हुए ऐसा किया गया. तैनात किये गये सभी व्यक्ति लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय के कर्मी थे. बता दें कि विपक्ष ने सदन में बाहरी व्यक्तियों की मौजूदगी का आरोप लगाया था.
आठ मंत्रियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार का रखा पक्ष : मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष पर संसद की मर्यादा तार-तार करने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को सरकार ने कहा कि हंगामा करनेवाले विपक्षी सांसदों पर ऐसी सख्त कार्रवाई हो कि कोई भविष्य में ऐसा करने का साहस नहीं करे. इससे पहले विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि सत्र के आखिरी दिन मार्शलों व ‘बाहरी’ लोगों ने विपक्षी सांसदों के साथ हाथापाई की. विपक्षी नेता इसे लेकर नायडू से मिले. उन्होंने संसद से विजय चौक तक विरोध मार्च भी निकाला. विपक्ष के आरोपों के बाद आठ मंत्रियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार का पक्ष रखा.
विपक्ष की आवाज को कुचला गया : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि संसद में विपक्ष की आवाज को कुचला गया. उन्होंने राज्यसभा में सांसदों की पिटाई का आरोप भी लगाया. शरद पवार ने सुर मिलाते हुए कहा कि इतने दिनों के राजनीतिक जीवन में उन्होंने कभी ऐसा नहीं देखा. महिलाओं पर हमला करने और सांसदों से हाथापाई के लिए 40 से अधिक बाहरी लोग सदन में लाये गये. राजद सांसद मनोज झा ने आरोप लगाया कि बीमा बिल संसद ने नहीं, मार्शल लॉ ने पास किया है.
-सदन से सस्पेंड होने के बाद छह सांसदों का मोबाइल से शीशा तोड़ना और महिला मार्शल को नुकसान पहुंचाना निंदनीय है
-जिस तरह रूल बुक चेयर की ओर फेंकी गयी, अगर वहां चेयरमैन बैठे होते, तो उन्हें नुकसान हो सकता था. सेक्रेटरी जनरल को भी चोट लग सकती थी
-विपक्षी सांसदों ने मार्च का नाटक सिर्फ इसलिए किया, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई न हो
-प्रेस वार्ता में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी, भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान, अनुराग ठाकुर, अर्जुन मेघवाल, मुख्तार अब्बास नकवी और वी मुरलीधरन मौजूद रहे.