Kisan bill 2020 : देशभर में विवादों के बीच कृषि बिल को राज्यसभा में रविवार को पेश किया गया और पास कर दिया गया. राज्यसभा में विपक्ष के लगातार विरोध के बीच कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 पारित किया गया.इससे पहले बिल पेश करते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि बिल का एमएसपी से कोई मतलब नहीं है. यह दोनों अलग अलग है. एमएसपी आगे भी जारी रहेगी.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार सरकार इस बिल को राज्यसभा में पास कराने के लिए शिवसेना और एनसीपी से समर्थन मांगा था. देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने समर्थन मांगने के लिए दोनों दलों के प्रमुख से संपर्क साधा है. राज्य सभा में बीजेपी के पास बहुमत नहीं है. वहीं बहस के दौरान वाईएसआर कांग्रेस के सांसद के एक बयान पर हंगामा मच गया है, जिसके बाद चेयर ने उसे रिकॉर्ड से हटा दिया.
कांग्रेस ने बोला हमला- राज्यसभा में कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने बिल पर बोलते हुए कहा कि सरकार इस बिल से जिन्हें फायदा पहुंचाने की बात कह रही है, वे सड़कों पर है. बताइए इसका फायदा किसे मिल रहा? वहीं बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस की सोच अब भी पुरानी है. वहीं सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि डिजिटल कृषि की बात कही जा रही है, लेकिन सरकार ये बताएं कि डिजिटल के फ्रॉड को कैसे रोक सकती है?
वहीं शिरोमणि अकाली दल के नरेश गुजराल ने दोनों विधेयकों को पंजाब के किसानों के खिलाफ बताते हुए उन्हें प्रवर समिति में भेजने की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार को पंजाब के किसानों को कमजोर नहीं समझना चाहिए. सरकार को पंजाब और हरियाणा के किसानों के असंतोष पर गौर करना चाहिए तथा वहां जो चिंगारी बन रही है, उसे आग में नहीं बदलने देना चाहिए. शिअद के ही एसएस ढींढसा ने भी सरकार से इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा करने और दोनों विधेयकों को प्रवर समिति में भेजने की मांग की.
लोकसभा में हो चुका है पारित– बता दें कि यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है. विधेयक पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में पारित कृषि सुधार संबंधी विधेयकों को ‘‘ऐतिहासिक” करार दिया. लोकसभा ने कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक पारित कर दिया. आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक पहले ही पारित हो चुका है.
Posted by : Avinish Kumar Mishra