गुजरात : Cross Voting का खतरा देख कांग्रेस ने विधायकों को भेजा बाहर, जानिये क्या है सीटों का गणित

Rajyasabha Election में क्रॉस वोटिंग के डर से Congress ने गुजरात के अपने सभी विधायकों को बाहर शिफ्ट करना शुरू कर दिया है. इस प्रकिया के तहत पार्टी ने 20 विधायकों को जयपुर भेज दिया है.

By AvinishKumar Mishra | March 15, 2020 12:44 PM

अहमदाबाद : राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के डर से कांग्रेस ने गुजरात के अपने सभी विधायकों को बाहर शिफ्ट करना शुरू कर दिया है. इस प्रकिया के तहत पार्टी ने 20 विधायकों को जयपुर भेज दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पार्टी अलग-अलग विधायकों के समूह को रायपुर और जयपुर भेजेगी.

पार्टी सूत्रों मुताबिक गुजरात विधानसभा में भाजपा के मौजूदा विधायकों की संख्या को देखते हुए राज्यसभा में उसे एक सीट का नुकसान होगा, जिसके कारण भाजपा कांग्रेस के विधायकों से क्रॉस वोटिंग करा सकती है.

इससे पहले, गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने शुक्रवार को कहा था कि कांग्रेस ने पाटीदार उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया और पार्टी में आपसी असंतोष भी है, इसका लाभ भाजपा को मिलेगा. उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा था कि भाजपा तीनों सीटें जीतेगी. उधर, कांग्रेस नेता भरत सिंह सोलंकी ने कहा है कि राज्यसभा चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ेगी.

क्या है राज्यसभा का गणित- गुजरात में विधायकों की संख्या 180 है, जिसमें भाजपा के पास 103 विधायक हैं. उसे एनसीपी के एक और बीटीपी के दो विधायकों का समर्थन है. ऐसे में उसके पास कुल 106 विधायकों का समर्थन है.

वहीं, कांग्रेस के पास 73 विधायक हैं. निर्दलीय जिग्नेश मेवाणी के समर्थन से उसका संख्या बल 74 का है. राज्य की एक विधानसभा सीट जीतने के लिए 37 वोट की जरूरत होगी. ऐसे में भाजपा को दो और कांग्रेस को एक सीट आसानी से मिल जायेगी. चौथी सीट का फैसला दूसरी वरीयता के वोट से होगा. कांग्रेस को उम्मीद है कि उसके पास एक अन्य वोट मिल जायेगा.

ये विधायक अभी भेजे गये जयपुर– कांग्रेस ने अपने 20 विधायकों को जयपुर भेज दी है, उन विधायकों में हर्षद रिबदिया, बलदेवजी ठाकोर, जिनीबेन ठाकोर, हिम्मत सिंह पटेल, नाथाभाई पटेल, राजेश गोहिल, चिराग कांकरिया, लाखाभाई भारवाड, पूनम परमार, अजित सिंह, ऋत्विक मकवाना, इंद्रजीत सिंह ठाकोर, चंदनजी ठाकोर और प्रद्युम्न सिंह जडेजा आदि शामिल हैं.

चार साल पहले हुई थी तोड़फोड़– चार साल पहले राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस विधायकों में भारी तोड़फोड़ हुई थी. भाजपा ने 59 में से 15 कांग्रेस के विधआयक को तोड़ लिया था, लेकिन अंत में कांग्रेस अपनी राज्यसभा की एक सीट निकालने में कामयाब रही.

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