Farmer Bill 2020 : राज्यसभा में कृषि बिल पर वोटिंग नहीं कराने को लेकर उठा विवाद अब भी जारी है. वहीं राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने अब इस मामले में अपना पक्ष रखा है. हरिवंश ने कहा है कि वोटिंग के दौरान सीट पर खड़े होकर सांसदों ने डिविजन नहीं मांगा, इसलिए बिल ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.
सीएनएन न्यूज ने हरिवंश द्वारा जारी के हवाले से बताया कि वोटिंग के वक्त राज्यसभा में विपक्षी सांसद हंगामा कर रहे थे, जिससे सदन की व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती थी. उन्होंने कहा कि जिस वक्त वोटिंग होनी थी, उस वक्त कुछ लोग स्पीकर की कुर्सी के पास आकर हंगामा कर रहे थे और रूल बुक फाड़ रहे थे.
नियमानुसार हुआ बिल पास- हरिवंश ने अपने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सदन में जो बिल पास हुआ, वो नियमानुसार हुआ. उन्होंने कहा है कि वोटिंग के लिए दो चीज जरूरी है, एक डिविजन की मांग और दूसरा संसद सुचारू रूप से चले. लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण ऐसा नहीं हुआ.
विपक्ष लगातार बोल रहा हमला- बता दें कि कृषि बिल के पास होने को लेकर विपक्ष लगातार हरिवंश पर निशाना साध रहा है. वहीं इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट में दावा किया कि दो सांसद अपने सीट पर बैठकर डिविजन की मांग किया, लेकिन चेयर ने इसे कंसिडर किए बिना बिल को ध्वनिमत से पारित करा दिया.
राष्ट्रपति ने किया हस्ताक्षर- वहीं अब कृषि बिल कानून का रूप ले लिया है. रविवार को उसपर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हस्ताक्षर कर दिया. वहींं बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद महाराष्ट्र सरकार के राजस्व मंत्री और कांग्रेस नेता राजस्व मंत्री ने कहा कि संसद द्वारा पारित बिल किसान विरोधी हैं. इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं. महा विकास अगाड़ी की सरकार महाराष्ट्र में भी इसका विरोध करेगा और इसे लागू नहीं करेगा. शिवसेना भी हमारे साथ है और हम एक साथ बैठेंगे और एक रणनीति बनाएंगे.
Posted By : Avinish Kumar Mishra