राकेश टिकैत ने कहा-तिरंगे का अपमान जिसने किया उसके खिलाफ कार्रवाई हो, पीएम मोदी के मन की बात पर दी ये प्रतिक्रिया
किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा है कि 26 जनवरी ( 26 january) को जिस किसी ने भी तिरंगे (tricolor) का अपमान किया उनके खिलाफ कार्रवाई हो. हम किसी को तिरंगे का अपमान नहीं करने देंगे, इसे हमेशा ऊंचा रखेंगे. वहीं उनके भाई नरेश टिकैत (Naresh Tikait ) ने भी गणतंत्र दिवस (Republic day) के दौरान लालकिले पर हुई घटना की जांच कराने की मांग की और इस हिंसा को एक षडयंत्र बताया.
किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा है कि 26 जनवरी ( 26 january) को जिस किसी ने भी तिरंगे (tricolor) का अपमान किया उनके खिलाफ कार्रवाई हो. हम किसी को तिरंगे का अपमान नहीं करने देंगे, इसे हमेशा ऊंचा रखेंगे. वहीं उनके भाई नरेश टिकैत (Naresh Tikait ) ने भी गणतंत्र दिवस (Republic day) के दौरान लालकिले पर हुई घटना की जांच कराने की मांग की और इस हिंसा को एक षडयंत्र बताया.
राकेश टिकैत ने किसानों और सरकार के बीच बातचीत पर कहा कि बंदूक दिखाकर बातचीत नहीं की जाती है. वही नरेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कहा, हम उसका सम्मान करते हैं, उनकी गरिमा की रक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा हम नहीं चाहते कि सरकार या संसद हमारे आगे झुके, लेकिन वह किसानों के आत्म-सम्मान की भी रक्षा करे.
There won't be any agreement under pressure. We will hold discussions on the issue, Prime Minister is ours also, we are thankful for his initiative, we will respect it. We want our people to be released: Bharatiya Kisan Union leader Rakesh Tikait https://t.co/K4oi2VcQnW pic.twitter.com/pyfSHpfH5X
— ANI (@ANI) January 31, 2021
सरकार और किसानों के बीच वार्ता पर राकेश टिकैत ने कहा कि बातचीत दबाव में नहीं होती है. पीएम मोदी ने जो कुछ कहा हम उसका सम्मान करते हैं. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के कुछ दिन बाद आज मन की बात में कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों के लिए उनकी सरकार का प्रस्ताव अब भी बरकरार है और बातचीत में महज एक फोन कॉल की दूरी है.
गौरतलब है कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि 26 जनवरी को जिस तरह हिंसा हुई, उससे उन्हें बहुत दुख हुआ है. उन्होंने यह तिरंगे का अपमान है और इससे पूरा देश दुखी हुआ है. संसद के बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति ने भी अपने अभिभाषण में 26 जनवरी की हिंसा का जिक्र किया था और यह कहा था कि तिरंगे के अपमान से देश दुखी है. 26 जनवरी के पवित्र दिन तिरंगे का अपमान किया गया है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
Posted By : Rajneesh Anand