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राकेश टिकैत देर रात तक टोहाना पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठे नजर आये
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पुलिस की तरफ से गिरफ्तार किए गए दो किसानों की रिहाई की मांग कर रहे हैं राकेश टिकैत
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प्रदर्शनकारियों ने गिरफ्तार किसानों पर से आपराधिक मामला वापस लिए जाने की मांग की
Rakesh Tikait News : भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत देर रात तक टोहाना पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठे नजर आये. वे व अन्य किसान पुलिस की तरफ से गिरफ्तार किए गए दो किसानों की रिहाई की मांग कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि टिकैत के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसानों ने दो किसानों की रिहाई की मांग को लेकर रविवार को हरियाणा में फतेहाबाद के सदर थाने के बाहर धरना जारी रखा.
इस दौरान, प्रदर्शनकारियों ने गिरफ्तार किसानों पर से आपराधिक मामला वापस लिए जाने की मांग की. किसानों ने बुधवार रात यहां जननायक जनता पार्टी (जजपा) के विधायक देवेंद्र सिंह बबली के आवास का घेराव करने की कोशिश की, जिसके बाद किसानों के एक समूह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. पुलिस ने घटना के सिलसिले में विकास सिसार और रवि आजाद को गिरफ्तार किया है. इन दोनों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और आपदा प्रबंधन अधिनियम,2005 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
आरोपियों के वकील ने कहा कि सिसार और आजाद ने स्थानीय अदालत में जमानत अर्जी दायर की है, जिस पर सोमवार को सुनवाई होगी. रविवार को थाने के बाहर लोगों को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि जब तक साथी किसानों को रिहा नहीं किया जाता, तब तक प्रदर्शनकारी किसान यहां से नहीं हटेंगे. प्रदर्शनकारी किसानों ने पहले भी बबली के खिलाफ गाली-गलौज करने के आरोप में मामला दर्ज करने की मांग की थी. बबली ने बाद में किसानों के खिलाफ “अनुचित” शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए खेद व्यक्त किया था.
टिकैत कुछ अन्य किसान नेताओं के साथ शनिवार रात यहां अनाज मंडी में एकत्र हुए थे और फिर थाने की ओर मार्च किया था. शनिवार को सदर थाने के बाहर मीडिया से बात करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि दो किसानों की रिहाई का मुद्दा अभी तक हल नहीं हुआ है. संयुक्त किसान मोर्चा किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहा है. उन्होंने कहा था, हमारे और पुलिस प्रशासन के बीच बातचीत में गतिरोध बना हुआ है.
यादव ने कहा कि बबली ने विकास और रवि आजाद के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई थी, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उन्होंने कहा कि लेकिन सरकार उनके खिलाफ मामला वापस लेने को तैयार नहीं है. रविवार को टिकैत की मौजूदगी में महिलाओं के एक समूह ने किसानों की दुर्दशा पर प्रकाश डालते हुए गीत गाए. उन्होंने किसानों के मुद्दे पर केंद्र और हरियाणा सरकार पर कटाक्ष किया और उपमुख्यमंत्री और जजपा नेता दुष्यंत चौटाला को किसानों के साथ नहीं खड़े होने के लिए आड़े हाथों लिया.
टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक कि सरकार कृषि कानूनों को निरस्त नहीं कर देती और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून नहीं बना देती. एक जून को, बबली को किसानों के एक समूह के विरोध का सामना करना पड़ा था, जिन्होंने उन्हें काले झंडे दिखाए थे और नारे लगाए. बबली ने आरोप लगाया था कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने गलत व्यवहार किया और उनकी कार के शीशे तोड़ दिए. हालांकि, किसानों ने बबली पर सार्वजनिक रूप से अभद्र और धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था.
Posted By : Amitabh Kumar