केंद्र सरकार ने अपने वादे के मुताबिक तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया है. संसद के दोनों सदनों में कृषि कानून वापसी बिल को पास करा लिया गया है. हालांकि दूसरी तरफ अपनी अन्य मांगों को लेकर किसान आंदोलन जारी है. हालांकि खबर ये भी है कि कुछ किसान, आंदोलन को खत्म करने पर विचार कर रहे हैं. तो वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने साफ कह दिया है कि जब तक बाकी की मांगे पूरी नहीं होती आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा. उन्होंने सरकार को इन मुद्दों पर बातचीत के लिए आमंत्रित किया है.
इस लेकर आज यानी बुधवार को किसान नेता राकेश टिकैट ने साफ कहा कि 50-55 हज़ार मुकदमें जो आंदोलन के दौरान दर्ज़ हुए हैं वे वापस लिए जाएं, MSP गारंटी क़ानून बनें, जिन किसानों ने जान गंवाई है उन्हें मुआवजा मिले, जो ट्रैक्टर बंद हैं उन्हें ट्रैक्टर दिए जाएं. अब ये हमारे मुख्य मुद्दे हैं. सरकार को इन मुद्दों पर बातचीत करनी चाहिए. वहीं, आपको बता दें कि तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद केंद्र सरकार किसानों के दूसरी मांगों पर बातचीत के लिए तैयार हो गई है.
केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा को बातचीत का प्रस्ताव भेजकर किसान संगठनों से पांच नेताओं के नाम मांगे हैं. जो सरकार से बैठक के दौरान बातचीत करेंगे. इधर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक रद्द होने के सवाल पर राकेश टिकैट ने कहा कि आज यानी 1 दिसंबर को किसान संगठनों के बीच बैठक है. इस बीच खबर ये भी है कि कुछ किसान संगठनों ने आंदोलन खत्म करते हुए घर वापस लौटना चाहते हैं.
वहीं, इससे पहले भी राकेश टिकैत ने 4 दिसंबर को होने वाली बैठक से पहले केंद्र सरकार के साथ बैठक की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि भारत सरकार 4 दिसंबर को किसान संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक से पहले एमएसपी सहित दूसरे मांगों को लेकर बैठक करे.