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पहलवानों के समर्थन में गाजीपुर बॉर्डर पर डटे किसान, राकेश टिकैत ने सरकार और पुलिस को दी चेतावनी

राकेश टिकैत ने कहा, जब तक दिल्ली में गिरफ्तार पहलवान रिहा नहीं किए जाते, तब तक किसान गाजीपुर बॉर्डर से नहीं उठेंगे. राकेश टिकैत ने कहा, हमें जगह-जगह रास्ते में रोकने की कोशिश हुई. पुलिस और सरकार हिटलर शाही का काम कर रही है.

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में सैकड़ों किसान को गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए हैं, नए संसद भवन के पास पहलवानों की ओर से आहूत प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए सैकड़ों की संख्या में किसान दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे, जिसके बाद उन्हे गाजीपुर बॉर्डर पर रोक दिया गया. वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार और दिल्ली पुलिस को चेतावनी दी है.

पुलिस और सरकार हिटलर शाही का काम कर रही है- टिकैत 

बार्डर पर पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, जब तक दिल्ली में गिरफ्तार पहलवान रिहा नहीं किए जाते, तब तक किसान गाजीपुर बॉर्डर से नहीं उठेंगे. राकेश टिकैत ने कहा, हमें जगह-जगह रास्ते में रोकने की कोशिश हुई. पुलिस और सरकार हिटलर शाही का काम कर रही है. जगह-जगह गाड़ियां तैनात कर रखी हैं. कई जगह किसानों को हाउस अरेस्ट किया गया है.

टिकैत ने कहा, हमारा आंदोलन सफल हुआ

राकेश टिकैत ने पहलवानों के समर्थन में किया जा रहे किसानों के आंदोलन को सफल बताया है. उन्होंने कहां, अगर आज से पहले किसी मुकदमे में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई हो, तो पुलिस लिखकर दे दे तो हम आगे नहीं बढ़ेंगे. अगर ऐसा नहीं है तो बृज भूषण शरण सिंह को भी गिरफ्तार किया जाए. टिकैत ने कहा, हमारा आंदोलन सफल हुआ. क्योंकि किसानों को घरों के अंदर ही हाउस अरेस्ट कर लिया गया. किसानों की सिर्फ एक टुकड़ी ही गाजीपुर बॉर्डर तक पहुंच पाई है.

पुलिस ने शीर्ष पहलवानों को हिरासत में लिया 

आपको बताएं कि, जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों को नए संसद भवन के पास प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी गयी. ये पहलवान महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप में भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं. इस बीच, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को दिल्ली पुलिस ने रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए हिरासत में ले लिया. शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था.

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