रामलला के दरबार में दंडवत हुए पीएम मोदी, जानें और कहां-कहां भावुक होकर शीश झुकाया है…
Ram Mandir Bhumi Pujan PM Modi worshiped in Ramlala temple know where and when he got emotional : PM नरेंद्र मोदी की छवि एक ऐसे व्यक्ति की है, जो अपनी भावनाओं को काबू में रखता है, लेकिन कई बार ऐसे मौके आये हैं जब पीएम मोदी की भावनाएं फूट पड़ी हैं. कुछ ऐसा ही नजारा आज अयोध्या में राम लला के दरबार में तब देखने को मिला, जब पीएम मोदी एक सामान्य भक्त की तरह भावुक होकर उनके सामने दंडवत लेट गये.
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि एक ऐसे व्यक्ति की है, जो अपनी भावनाओं को काबू में रखता है, लेकिन कई बार ऐसे मौके आये हैं जब पीएम मोदी की भावनाएं फूट पड़ी हैं. कुछ ऐसा ही नजारा आज अयोध्या में राम लला के दरबार में तब देखने को मिला, जब पीएम मोदी एक सामान्य भक्त की तरह भावुक होकर उनके सामने दंडवत लेट गये.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ज्योंही राम लला के दरबार में पहुंचे, उन्होंने श्रीराम को साष्टांग प्रणाम किया. उसके बाद वे भगवान के आसन तक सीढ़िया चढ़कर गये और उनकी पूजा की. इससे पहले वे हनुमानगढ़ी भी गये थे और वहां पूजा-अर्चना की थी.
Also Read: कोरोना संकट में कैसे काम आयेगी राम की मर्यादा, पीएम मोदी ने देशवासियों को दिया ये संदेश…
प्रधानमंत्री का आज का रूप देखकर लोगों को उस दिन की याद आ गयी जब वे लोकतंत्र के मंदिर पहुंचे थे और सीढ़ियों पर घुटनों के बल बैठकर संसद को नमन किया था. इन दो मौकों के अलावा और भी कई ऐसे मौके आये हैं, जब प्रधानमंत्री भावुक हुए. संसद के सेंट्रल हॉल में संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद मोदी जी भावुक हुए थे, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर भी पीएम मोदी भावुक हो गये थे.
#Ayodhya: Prime Minister Narendra Modi offers prayers to Ram Lalla, performs 'sashtang pranam' (prostration) at Ram Janmabhoomi site. pic.twitter.com/XA5Pg5Xed8
— ANI (@ANI) August 5, 2020
पीएम मोदी अपनी मां के सामने भी काफी भावुक दिखते हैं और जब भी वे अपने जन्मदिन के मौके पर उनसे आशीर्वाद लेने जाते हैं, उनके हाथ से मिठाई खाते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अयोध्या में भगवान राम के चिर प्रतीक्षित राम मंदिर का भूमि पूजन किया. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि जब- जब मानवता ने राम को माना है विकास हुआ है, जब -जब हम भटके हैं, विनाश के रास्ते खुले हैं. हमें सभी की भावनाओं का ध्यान रखना है. हमें सबके साथ से, सबके विश्वास से, सबका विकास करना है.