अयोध्या में राम मंदिर के साथ – साथ मस्जिद के डिजाइन पर भी काम शुरू, जानें क्या – क्या होगा खास

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर बन रही है तो दूसरी तरफ मस्जिद का डिजाइन भी बन रहा है. मस्जिद की डिजाइन बनाने का जिम्मा दिया गया है प्रोफेसर एस एम अख्तर को.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 3, 2020 5:59 PM
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नयी दिल्ली : राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है तो दूसरी तरफ मस्जिद का डिजाइन भी बन रहा है. मस्जिद की डिजाइन बनाने का जिम्मा दिया गया है प्रोफेसर एस एम अख्तर को.

उन्होंने कहा, डिजाइन पर काम शुरू हो गया है. मस्जिद ‘भारत के लोकाचार और इस्लाम की भावना को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है. मस्जिद के साथ- साथ जिसमें भारत-इस्लामी शोध केंद्र, पुस्तकालय और एक अस्पताल भी होगा.

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मस्जिद में दिखेगा इंडो-इस्लामिक कल्चरल

प्रोफेसर एस एम अख्तर ने कहा, सरकार द्वारा दी गयी जमीन पर परिषर तैयार होगा. इसका मुख्य उद्देश्य होगा मानवता की सेवा क्योंकि किसी भी धर्म का दर्शन मानवता की सेवा ही है. यह एक प्रयास होगा. अयोध्या में पांच एकड़ भूखंड पर मस्जिद के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा गठित ट्रस्ट ‘इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन’ काम की देखरेख करेगा. उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ भूखंड आवंटित किया है.

सिर्फ मस्जिद नहीं होगी

प्रोफेसर एस एम अख्तर को डिजाइन का जिम्मा दिया गया है उसके पीछे भी खास वजह से. इस वजह को जानने के लिए आपको प्रोफेसर एस.एम अख्तर को जानना होगा. उन्होंने लोक प्रशासन विषय में डी लिट. की डिग्री हासिल की है. इसके साथ- साथ वह आर्किटेक्ट और प्लानर भी हैं.. 15 हज़ार वर्गफीट के क्षेत्र परिसर में एक अस्पताल, इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, कम्युनिटी किचन और म्यूज़ियम आदि का भी डिज़ाइन तैयार करने की योजना है. सस्टेनेबल डेवलपमेट संबंधी विषय पर प्रामाणिक अध्ययन के लिए डी लिट. अवॉर्ड भी मिला है.

जामिया और प्रोफेसर का रिश्ता

प्रमुख यूनिवर्सिटी में आर्किटेक्ट विषय का विभाग शुरू करने का श्रेय डॉ. अख्तर को जाता है. इन्हें एकिस्टिक्स, आर्किटेक्चर पेडागॉजी, आर्क बिल्डिंग सर्विसेज़, आर्क मेडिकल आर्किटेक्चर, आर्क रिक्रिएशन आर्किटेक्चर, आर्क अर्बन रीजनरेशन जैसे कई विषयों में मास्टर्स का पूरा प्रोग्राम भी इन्होंने ही तैयार किया है.

डॉ. अख्तर आर्किटेक्चर और पर्यावरण पर कई किताबें,लेख, शोध पत्र और वक्तव्य दे चुके हैं. इन सबके साथ – साथ इन्हें साहित्य में भी रुची है. कविताओं की भी एक किताब ‘बर्फ पर जमी आग’ प्रकाशित हो चुकी है. इनका बॉयोडाटा 17 पन्नों का है जिसमें उनके विषय में विस्तार से जानकारी मिल सकती है.

Posted By – Pankaj Kumar Pathak

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