उत्तरप्रदेश के सहारनपुर से एक नाबालिग के साथ गैंगरेप की सूचना है. खबर है कि उसके साथ उसके सहपाठियों ने रेप किया.इसके पहले लखीमपुरी खीरी और गोरखपुर से भी बच्चियों के साथ बलात्कार की खबर आयी थी.
गौरतलब है कि देश में बच्चियों और नाबालिगों के साथ बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ रहीं हैं. बलात्कार, वीडियो बनाना और उसके बाद हत्या. इस खौफनाक ट्रेंड के सामने आने के बाद सबसे पहले मध्यप्रदेश सरकार ने 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार के दोषियों के लिए मौत की सजा का प्रावधान किया. वर्ष 2018 में पॉक्सो कानून में संशोधन करके एक नया कानून देश में बना जिसके अनुसार 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप हुआ तो मौत की सजा का प्रावधान किया गया, वहीं 16 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप होने पर 20 साल की कठोर सजा या उम्रकैद का प्रावधान भी हो सकता है.
पर यहां सवाल यह है कि क्या इतने कठोर कानून के बाद भी बच्चियों के साथ रेप की घटनाएं रूकी हैं? इसका जवाब आंकड़े देते हैं. 2018 के आंकड़ों के अनुसार देश में हर 15 मिनट में बलात्कार की एक घटना होती है. बलात्कार के मामलों में 94 प्रतिशत ऐसे हैं जो उनके जान-पहचान वाले करते हैं. दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश जैसे राज्य में रेप की घटनाएं सर्वाधिक होती हैं. NCRB के अनुसार वर्ष 2018 में देश में 33, 356 रेप केस दर्ज हुए जिनमें से 31,320 परिचितों द्वारा किये गये अपराध के मामले थे.
दिल्ली गैंगरेप की पीड़िता के दोषियों को इसी वर्ष फांसी की सजा भी हुई है, बावजूद इसके छोटी बच्चियों और लड़कियों के साथ बलात्कार की घटना आम है. हाल ही में दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके से एक 12 साल की बच्ची के साथ हैवानियत की खबर आयी थी. बच्ची अभी एम्स अस्पताल में भरती है. जुलाई महीने में दिल्ली से ही एक आठ साल की बच्ची के साथ रेप की घटना सामने आयी थी. पटना से तो एक कोविड वार्ड से नाबालिग के साथ बलात्कार की खबर सामने आयी थी.
Posted By : Rajneesh Anand