‘जीवन में उतार चढ़ाव का मतलब आप जिंदा हैं’, रतन टाटा के अद्भुत विचारों में सफलता का मंत्र
Happy Birthday Ratan Tata: भारतीय उद्योगपति, निवेशक और टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा का आज जन्मदिन है. तो आइए आज उनके जीवन और उपलब्धियों से परिचित होते हैं साथ जानते हैं उनके जीवन से क्या कुछ सीखा जा सकता है.
Happy Birthday Ratan Tata: रतन टाटा यह वो नाम है जिससे शायद ही कोई भारतीय अंजान हो. इनकी पहचान एक सफल बिजनेसमैन के रुप में ही नहीं बल्कि एक सफल इंसान के तौर पर भी है. भारतीय उद्योगपति, निवेशक और टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा बड़े परोपकारी के तौर पर भी जाने जाते हैं. आज यानी 28 दिसंबर 1937 को रतन टाटा का जन्मदिन मनाया जा रहा है. आज वे 84 साल के हो गए हैं. लेकिन आज भी इनकी ऊर्जा की मिसालें दी जाती हैं. उनके विचारों में अद्भुत आकर्षण है जो सफलता को कदम चूमने को मजबूर कर सकता है. तो आज हम आपको उनके कुछ प्रेरक विचारों से अवगत करवाते हैं जो आपकी भी जिंदगी बदल सकता है.
क्या हैं उनकी उपलब्धियां
रतन टाटा को साल 2008 में पद्म विभूषण और साल 2000 में पद्म भूषण से नवाजा गया था. उनकी अध्यक्षता में टाटा समूह ने बुलंदियों की ऊंचाईयों को छुआ है. उनकी अगुवाई में टाटा समूह ने राजस्व में 40 गुना से अधिक और लाभ में 50 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की है. उनके रहते टाटा टी ने टेस्ले का अधिग्रहण किया टाटा मोटर्स ने जगुआर लैंड रोवर (Jaguar Land Rover) का अधिग्रहण किया. वैश्विक व्यापार को बढ़ाने के लिए टाटा स्टील ने कोरस का अधिग्रहण किया. रतन टाटा 1991 से 2012 तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे. रतन टाटा नवल टाटा के बेटे हैं जिन्हें उनकी दादी नवजबाई टाटा ने गोद लिया था. रतन टाटा के माता-पिता 1940 के दशक में एक दूसरे से अलग हो गए थे.
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रतन टाटा के अद्भुत विचारों में सफलता का मंत्र
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मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं करता. मैं निर्णय लेता हूं और फिर उन्हें सही बनाता हूं.
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जो पत्थर लोग तुम पर फेंकते हैं. उनका इस्तेमाल स्मारक बनाने में करो.
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ऐसी कई चीजें हैं जो अगर मुझे दोबारा जीने का मौका मिले तो शायद मैं अलग तरीके से करूंगा, लेकिन मैं पीछे मुड़कर यह नहीं देखना चाहूंगा कि मैं क्या नहीं कर पाया.
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अगर आप तेजी से चलना चाहते हैं तो अकेले चलिए, लेकिन अगर दूर तक चलना चाहते हैं तो साथ मिलकर चलिए.
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वो इंसान जो दूसरों की नकल करता है, थोड़े वक्त के लिए सफल हो सकता है. लेकिन जीवन में बहुत आगे नहीं बढ़ सकता.
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लोहे को कई नष्ट नहीं कर सकता, उसका अपना ही जंग उसे नष्ट कर सकता है. इसी तरह कोई भी व्यक्ति को नष्ट नहीं कर सकता, लेकिन उसकी अपनी मानसिकता कर सकती है.
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जीवन में आगे बढ़ने के लिए उत्तार चढ़ाव जरूरी है, क्योंकि ईसीजी में भी एक सीधी लाइन का मतलब होता है कि हम जिंदा नहीं है.