Ratan Tata: भारत ने अपना ‘रत्न’ रतन टाटा खो दिया है. देश का यह लाल आज सदा के लिए सो गया है. दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा ने 86 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है. रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था. वे टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा के परपोते थे. आज हम आपको दिखा रहे है रतन टाटा की वो तस्वीरें जो शायद आपने पहले न देखी हो.
21 साल की उम्र में ऑटो से लेकर स्टील तक के कारोबार से जुड़े समूह, टाटा समूह के चेयरमैन नियुक्त किये गये थे. चेयरमैन बनने के बाद रतन टाटा ने टाटा समूह को एक नयी ऊंचाई पर पहुंचाया था.
चेयरमैन पद से हटने के बाद, रतन टाटा को टाटा संस, टाटा इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा केमिकल्स के मानद चेयरमैन की उपाधि से सम्मानित किया गया. रतन टाटा ने अपनी जिंदगी में बहुत बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं. वह न केवल एक सफल कारोबारी थे, बल्कि एक शानदार लीडर और लाखों लोगों के लिए उम्मीद का प्रतीक भी थे.
उदारीकरण के दौर के बाद टाटा समूह आज जिस ऊंचाइयों पर है, उसे यहां तक पहुंचाने में रतन टाटा का बहुत बड़ा योगदान है.
कई लोगों का प्रिय बना लिया. – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए कहा, “”रतन टाटा एक एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा ने कई लोगों का प्रिय बना लिया. उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया. साथ ही, उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया. अपनी विनम्रता, दयालुता और हमारे समाज को बेहतर बनाने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के कम ही दिखाई देती हैं.
रतन टाटा की उपलब्धियां
- 1991-2012 तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे.
- 2008 में जैगुआर लैंड रोवर की खरीद.
- 2007 में कोरस की खरीद.
- टाटा स्टील की वैश्विक पहुंच बढ़ाना.
- टाटा मोटर्स की सफलता.
- टीसीएस की वैश्विक पहुंच बढ़ाना.
- टाटा समूह की वैश्विक ब्रांड वैल्यू में वृद्धि.
रतन टाटा के प्रमुख पुरस्कार और सम्मान
- ऑनररी नाइट कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (2009)
- इंटरनेशनल हेरिटेज फाउंडेशन का लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड (2012)