नई दिल्ली : पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जारी घमासान के बीच पार्टी के राज्य प्रभारी हरीश रावत ने शनिवार को राहुल गांधी से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी को पंजाब में पार्टी की गतिविधियों और उसकी वास्तविक वस्तुस्थिति से अवगत कराया. मुलाकात के बाद हरीश रावत ने कहा कि पंजाब कांग्रेस का प्रभारी होने के नाते वे आने वाले दो-तीन दिनों में राज्य का दौरा करेंगे.
बता दें कि राहुल गांधी से उनकी मुलाकात ऐसे समय हुई है, जब पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के ‘मुंहतोड़ जवाब देने’ वाले बयान और उनके पूर्व सलाहकार मलविंदर माली और सलाहकार प्यारेलाल गर्ग की टिप्पणियों को लेकर विवाद खड़ा हुआ है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद पार्टी के पंजाब प्रभारी रावत ने संवाददाताओं से कहा कि मैंने राहुल जी से संक्षिप्त मुलाकात की.
उन्होंने कहा कि मैंने पंजाब की स्थिति के बारे में उन्हें बताया है. मैं अगले दो-तीन दिनों में जाऊंगा. जो भी मिलना चाहे, उससे मिलूंगा. सिद्धू और कैप्टन साहब से जरूर मुलाकात करूंगा. उन्होंने यह भी कहा कि पीसीसी अध्यक्ष बहुत सक्रिय हैं. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह बहुत अच्छे-अच्छे फैसले कर रहे हैं, जिन्हें जनता के बीच लेकर जाना है.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह पंजाब प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं? इस सवाल के जवाब में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस जब तक कहेगी, काम करते रहो, तब तक मैं काम करते रहूंगा. इससे पहले सिद्धू ने गुरुवार को पार्टी नेतृत्व से कहा था कि उन्हें फैसले लेने की आजादी दी जाए, नहीं तो वह मुंहतोड़ जवाब देंगे.
सिद्धू के बयान के बारे में पूछे जाने पर हरीश रावत ने शुक्रवार को कहा था कि अगर राज्य इकाई के प्रमुख फैसले नहीं करेंगे, तो कौन करेगा. हालांकि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने सिद्धू के इस बयान को लेकर तंज कसते हुए ट्वीट किया कि हम आह भी भरते हैं, तो हो जाते हैं बदनाम, वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती.
उधर, जम्मू-कश्मीर पर अपनी विवादित टिप्पणियों को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे मलविंदर सिंह माली ने शुक्रवार को पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार का पद छोड़ दिया. उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि यदि कश्मीर भारत का हिस्सा था, तो अनुच्छेद 370 और 35ए की क्या जरूरत थी.
माली ने यह भी कहा था कि कश्मीर कश्मीरी लोगों का देश है. सिद्धू के एक अन्य सलाहकार प्यारे लाल गर्ग ने मुख्यमंत्री द्वारा पाकिस्तान की आलोचना किए जाने पर कथित तौर पर सवाल उठाया था.