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राजीव गांधी के शासनकाल में हुआ था एक दिन में सांसदों का रिकाॅर्ड निलंबन,ठक्कर आयोग की रिपोर्ट पर मचा था हंगामा

सांसदों का प्रदर्शन निलंबन के बाद भी जारी है और इसी दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अपमान की बात भी उजागर हुई है, जिसका वीडियो राहुल गांधी ने बनाया है. वीडियो बनाने के मामले में राहुल गांधी ने कहा कि हमने किसी का अपमान नहीं किया. वहां इतने सांसद बैठे थे मैंने उनका वीडियो बनाया है.

संसद की सुरक्षा में सेंध की घटना के बाद से यानी 13 दिसंबर से ही संसद के दोनों सदन में विपक्ष का हंगामा जारी है. विपक्ष लगातार यह मांग कर रहा है कि गृहमंत्री अमित शाह इस मसले पर सदन में आकर जवाब दें. विपक्ष के हंगामे के बाद दोनों सदन से अबतक 143 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है. संसदीय इतिहास में शायद यह पहला मौका है जब इतने सांसदों को एक सत्र में निलंबित किया गया है.

राहुल गांधी ने कहा-हमारे सैकड़ों सांसद सदन से बाहर

सांसदों का प्रदर्शन निलंबन के बाद भी जारी है और इसी दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अपमान की बात भी उजागर हुई है, जिसका वीडियो राहुल गांधी ने बनाया है. वीडियो बनाने के मामले में राहुल गांधी ने कहा कि हमने किसी का अपमान नहीं किया. वहां इतने सांसद बैठे थे मैंने उनका वीडियो बनाया है. हमारे इतने सांसदों को सदन से बाहर कर दिया है, उसपर बात नहीं हो रही है, सिर्फ मिमिक्री और अपमान की बात हो रही है. बेरोजगारी की बात नहीं हो रही ना ही अदाणी की बात हो रही है. राहुल गांधी ने कहा कि मेरा बनाया हुआ वीडियो मेरे फोन में है.


राजीव गांधी की सरकार में 1989 में क्या हुआ था?

राहुल गांधी के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा हो रही है कि राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी के शासनकाल में 1989 में भी सामूहिक रूप से सांसदों का निलंबन हुआ था, क्या राहुल गांधी उसपर जवाब देंगे. दरअसल 1989 में जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की जांच के लिए गठित ठक्कर आयोग की रिपोर्ट संसद में पेश की गई तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और उनका विरोध प्रदर्शन काफी तीव्र हो गया. इसकी वजह यह थी कि आयोग की रिपोर्ट ने इंदिरा गांधी के विशेष सहायक आरके धवन की भूमिका पर सवाल उठा दिये थे और यह आशंका भी जता दी थी कि साजिश में उनकी भूमिका संदिग्ध है. चूंकि उस वक्त आरके धवन तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी की टीम का हिस्सा थे और उनकी पकड़ पार्टी में काफी अच्छी थी इसलिए विपक्ष ने रिपोर्ट को सदन में पेश करने काे लिए काफी हंगामा किया था, जिसके बाद 63 सांसदों का निलंबन सदन से हुआ था. हालांकि यह निलंबन एक दिन का ही था, क्योंकि अगले दिन सांसदों ने स्पीकर से माफी मांग ली थी और उनके निलंबन को रद्द कर दिया गया था.

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