माओवादी कैडर भर्ती : एनआईए ने 5 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, सोशल वर्क की आड़ में बना रहे थे नक्सली

शिकायत में यह आरोप लगाया गया है कि डोंगरी देवेंद्र, दुबासी स्वप्ना और चुक्का शिल्पा ने राधा को चैतन्य महिला संघम (सीएमएस) में शामिल होने के लिए प्रेरित किया और बाद में उसे कट्टरपंथी बना दिया. इसके बाद फिर उसे प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) में भर्ती करा दिया गया.

By KumarVishwat Sen | December 20, 2022 12:41 PM

नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एएनआई) ने मंगलवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) में कट्टर और निर्दोष युवकों की भर्ती से जुड़े एक मामले में पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है. जांच एजेंसी ने बताया कि भाकपा (माओवादी) के कैडर में राधा की भर्ती के संबंध में दायर शिकायत के आधार पर दर्ज मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एक विशेष अदालत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया गया है.

सामाजिक कार्य की आड़ में बना रहे थे नक्सली

शिकायत में यह आरोप लगाया गया है कि डोंगरी देवेंद्र, दुबासी स्वप्ना और चुक्का शिल्पा ने राधा को चैतन्य महिला संघम (सीएमएस) में शामिल होने के लिए प्रेरित किया और बाद में उसे कट्टरपंथी बना दिया. इसके बाद फिर उसे प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) में भर्ती करा दिया गया. एनआईए की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अब तक की जांच से पता चला है कि आरोपी व्यक्तियों में डोंगरी देवेंद्र, दुबासी स्वप्ना और चुक्का शिल्पा ने समाजिक कार्य की आड़ में भोले-भाले युवक-युवतियों को संगठन और सीएमएस की ओर आकर्षित किया और संगठन के प्रति उनके समर्पण के आधार पर ऐसी लड़कियों की पहचान की. इसके बाद उन्हें प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) में शामिल कराया गया.

तीन आरोपियों ने लड़कियों ने सीपीआईएम में भर्ती कराया

जांच एजेंसी ने कहा कि डोंगरी देवेंद्र, दुबासी स्वप्ना और चुक्का शिल्पा ने कुछ अन्य लड़कियों को भाकपा (माओवादी) में भर्ती कराया था और कई अन्य को भर्ती कराने की फिराक में जुटे हुए थे. जांच एजेंसी ने आगे कहा कि डोंगरी देवेंद्र लापता लड़की राधा को किसी का इलाज कराने के बहाने जंगल में ले गया था और उदय एवं अरुणा ने उसे प्रतिबंधित संगठन में शामिल होने के लिए मजबूर किया.

Also Read: एनआईए को मिली ताहिर की रिमांड, पांच दिनों की पूछताछ में कई राज खोलेगा गजवा ए हिंद का ये सदस्य

नेताओं की भूमिका की हो रही जांच

एजेंसी ने कहा कि इस बड़ी साजिश में सीएमएस, एक संगठन और सीएमएस के अन्य नेताओं की भूमिका की जांच की जा रही है. सबसे पहले विशाखापत्तनम के पेद्दाबयालु पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था और बाद में इस साल तीन जून को एनआईए में दोबारा दर्ज कराया गया था.

Next Article

Exit mobile version