कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था की हालत के लिए सरकार पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि लोग कम विकास और तेज महंगाई की ‘दोहरी मार’ से प्रभावित हुए हैं और इसके लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का ‘कुप्रबंधन’ जिम्मेदार है. कृषि, सेवा और निर्माण क्षेत्र में अच्छे प्रदर्शन के कारण चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर में अर्थव्यवस्था में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई .
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि तीसरी तिमाही की जीडीपी के आंकड़े से एक बार फिर साबित हो गया है कि देश की अर्थव्यवस्था बदहाल स्थिति में है. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो कि अनुमान से बहुत कम है.
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘चिंता की वजह समूचे वित्त वर्ष के लिए जीडीपी का अनुमान भी है. केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने 2020-21 के लिए जीडीपी दर को अब -8 प्रतिशत कर दिया है जबकि पहले -7.7 प्रतिशत का अनुमान था.
Also Read: मोदी देश में तानाशाही शासन चला रहे है, लोगों को बनाना चाहते हैं गुलाम : भगवंत मान
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘इसका सीधा मतलब है कि आरबीआई या सीएसओ ने जो अनुमान लगाया है, अर्थव्यवस्था उससे भी बदतर प्रदर्शन करेगी. आगे अर्थव्यवस्था के सिकुड़ने का मतलब होगा कि कम निवेश और कम रोजगार का सृजन.” कांग्रेस नेता ने कहा कि यह उल्लेख करना जरूरी है कि पहली तिमाही की जीडीपी को भी संशोधित कर -24.4 प्रतिशत कर दिया गया है जो कि पहले -23.9 प्रतिशत था.
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की गलत योजना और बेतरतीब तरीके से लॉकडाउन लगाने के कारण अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगा, जो कि पहले ही नोटबंदी और जीएसटी की वजह से दिक्कतें झेल रही थी. सुरजेवाला ने कहा, ‘‘चिंता की बात यह भी है कि देश में महामारी के कारण कीमतें आसमान छूती जा रही है.
महंगाई दर में लगातार इजाफा हो रहा है. इससे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पर ब्याज दर बढ़ाने का दबाव बनेगा और मांग घटने से अर्थव्यवस्था और नुकसान में रहेगी.” उन्होंने कहा कि निजी उपभोग खर्च 21.2 लाख करोड़ रुपये है जो कि वर्ष दर वर्ष आधार पर 2.4 प्रतिशत कम है.
Also Read: सरकार ने सामान्य वर्ग के पिछड़े लोगों को उम्र और फीस में छूट से किया इनकार
कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि यह साफ है कि वस्तुओं की मांग बढ़ रही है, लेकिन जीडीपी में सबसे बड़ा योगदान देने वाली सेवा की मांग कम है और भविष्य में कुछ तिमाही तक इसमें बहुत सुधार की संभावना नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘दावे के विपरीत केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए बहुत कम खर्च किया.” उन्होंने कहा, ‘‘हमारी अर्थव्यवस्था कम वृद्धि और तेज महंगाई की दोहरी मार से प्रभावित हुई है जिसका मूल कारण मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का कुप्रबंधन और नाकामी है. आशा है कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को हकीकत का अहसास हो जाएगा.”