REET exam paper leak: राजस्थान सरकार ने बोर्ड के चेयरमैन डॉ धर्मपाल और सेक्रेटरी अरविंद को किया पदमुक्त
रीट परीक्षा पेपर लीक मामले में राजस्थान सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राजस्थान सेकेंडरी एजुकेशन चेयरमैन डॉ धर्मपाल जरौली को पद से हटा दिया गया है. इस परीक्षा में धांधली के आरोप छात्रों ने लगाये थे.
जयपुर : रीट परीक्षा पेपर लीक मामले में राजस्थान सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राजस्थान सेकेंडरी एजुकेशन चेयरमैन डॉ धर्मपाल जरौली को पद से हटा दिया गया है. साथ ही बोर्ड के सेक्रेटरी अरविंद कुमार सेंगवा को भी सस्पेंड कर दिया . इस परीक्षा में धांधली के आरोप छात्रों ने लगाये थे. छात्रों का कहना था कि कुछ अभ्यर्थियों को अलग कमरे में ले जाया गया जहां उन्हें खुलकर नकल करने की इजाजत दे दी गयी. परीक्षा के बाद से ही इस पर सवाल खड़े होने लगे थे.
प्रश्न पत्र समय पर ना पहुंचने का भी आरोप
परीक्षार्थियों ने अधिकारियों पर प्रश्न पत्र लीक कराने का भी आरोप लगया. कई जगहों पर परीक्षार्थियों के कमरे में इस परीक्षा से जुड़ी गाइड भी मिली. कई जगहों पर प्रश्न पत्र समय पर ना पहुंचने का भी आरोप लगाया. इस पूरे मामले पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा था, राज्य सरकार परीक्षा में गड़बड़ी, कोताही एवं कर्तव्य में लापरवाही करने वाले हर व्यक्ति पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी.
परीक्षा में शामिल किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा
परीक्षा में शामिल किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्होने लिखा है कि कुछ लोग राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए ऐसा माहौल बना रहे हैं जिससे कोई आगामी भर्ती परीक्षा (Recruitment exam) ना हो सके.
हम युवाओं के हितों के लिए पूरी तरह समर्पित
सीएम ने अपने सोशल नेटवर्किंग साइट पर आगे लिखा, ये लोग लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं. जैसा कि हम सब जानते हैं कि कई राज्यों में ऐसे गैंग बन गए हैं जो संगठित तरीके से पेपर लीक, नकल, ठगी में शामिल हैं जो सभी के लिए चिंता का विषय है. इनकी जांच कर तह तक जाना जरूरी है. राज्य सरकार बजट सत्र (Budget session 2022) में नकल, पेपर लीक (REET Paper Leak Update) आदि के संबंध में कठोर प्रावधानों का बिल लेकर आ रही है. हम युवाओं के हितों के लिए पूरी तरह समर्पित हैं. भविष्य में भर्ती परीक्षाएं निर्विघ्न तरीके से संपन्न हो, इसके सुझाव देने हेतु रिटायर्ड हाईकोर्ट जज की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति बनाई जा रही है.