Rajasthan: राजस्थान विधानसभा में शादियों के अनिवार्य पंजीकरण के लिए संशोधन विधेयक 2021 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. विधेयक के पारित होने पर बीजेपी ने कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी का कहना है कि इस विधेयक से बाल विवाह को वैधता मिल जाएगी. वहीं सरकार का कहना है कि इस मामले को बीजेपी तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है.
विपक्ष ने विधेयक को बताया ‘काला कानून’
बीजेपी विधायक अशोक लाहोटी ने संशोधन विधेयक को काला कानून बतााया है. उनका कहना है कि विधेयक बाल विवाह की अनुमति देता है. विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के करीब पहुंच गए, लेकिन विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. मत विभाजन की मांग स्वीकार नहीं की गई, इसलिए बीजेपी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया. बीजेपी विधायक ने कहा कि यह विधेयक विधानसभा के इतिहास में काला अध्याय है.
Also Read: बेंगलुरु में एक ही परिवार के 5 लोगों के शव बरामद, 9 महीने की बच्ची भी शामिल
राजस्थान विवाह के अनिवार्य पंजीकरण (संशोधन) विधेयक 2021 पर राजस्थान में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा, विधेयक कानून और हिंदू विवाह अधिनियम का उल्लंघन करता है. नाबालिगों का पंजीकरण अवैध होगा, लेकिन मंत्री ने यह समझने की कोशिश नहीं की. इसलिए हमने वॉकआउट किया.
Also Read: गुजरात में बीजेपी को लगेगा जोरदार झटका, सामना ने कसा बीजेपी पर तंज, कहा- मोदी है तो मुमकिन है
वहीं, बीजेपी के आरोपों पर संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा, आप कहते हैं कि बाल विवाह मान्य होंगे. यह संशोधन कहीं नहीं कहता है कि ऐसे विवाह वैध होंगे. विवाह प्रमाण पत्र एक कानूनी दस्तावेज है, जिसके अभाव में विधवा को किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
You say that child marriages will be validated. Nowhere does this amendment say that such marriages will be valid. Marriage certificate is a legal document, in the absence of which a widow won't receive benefit of any govt scheme: State's Parliamentary Affairs Min Shanti Dhariwal pic.twitter.com/D6erI4GNdb
— ANI (@ANI) September 18, 2021
मंत्री प्रताप सिंह का कहना है कि बाल विवाह के हम भी विरोधी हैं. बीजेपी मुद्दों को तोड़ मरोड़कर कर राजस्थान का माहौल खराब करना चाहती है. जबभी कांग्रेस कोई अच्छा काम करती है तो बीजेपी उसमें कमियां निकालने की कोशिश करती हैं.
बता दें, विपक्षी विधायकों की आपत्ति के बीच राजस्थान अनिवार्य विवाह पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2021 शुक्रवार को विधानसभा में पारित हो गया. विधेयक के तहत, बाल विवाह की जानकारी उनके माता-पिता/अभिभावकों को शादी के 30 दिनों के भीतर देनी होगी.
Posted by: Achyut Kumar