पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी नेता राघवजी को अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न मामले में हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ दायर एफआईआर को रद्द करने का आदेश दे दिया है. इस मामले में उनको गिरफ्तार किया गया था.
बीजेपी के पूर्व विधायक राघवजी पर युवक के यौन उत्पीड़न का लगा था आरोप
पूर्व बीजेपी विधायक राघवजी पर जुलाई 2013 में एक युवक का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा था. जिसके बाद भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 377 के तहत मामला दर्ज किया गया था. राघवजी को उनके घर पर काम करने वाले लड़के की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था. अपनी शिकायत में लड़के ने आरोप लगाया था कि राघवजी ने उसका अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न किया था और उसकी सीडी भी बनाया था.
शिकायतकर्ता के पिता के बयान पर कोर्ट ने सुनाया फैसला
हाई कोर्ट ने शिकायतकर्ता लड़के के पिता के बयान पर अपना फैसला सुनाया. शिकायतकर्ता के पिता के अनुसार, उसका बेटा मानसिक रूप से अस्वस्थ्य है और आदतन नशा भी करता था. उसके बताया कि उसका बेटा समाज के उच्च पदस्थ पर बैठे व्यक्तियों पर झूठे आरोप लगाता था. उसने बताया कि इससे पहले भी उसके बेटे ने कई बार दूसरे प्रतिष्ठित लोगों पर भी आरोप लगाया था.
कोर्ट ने कहा, गलत इरादे और समाज में छवि धूमिल करने के इरादे से दर्ज करायी गयी थी शिकायत
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा, शिकायत गलत इरादे से, उच्च पदस्थ व्यक्ति की छवि को समाज में धूमिल करने के इरादे से किया गया था.