Republic Day 2023: आखिरी बार फ्लाईपास्ट में शामिल हुआ नेवी का IL-38 विमान, जानिए क्या है इसकी खासियत
युद्धक विमान IL-38 को 1977 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था. तब से यह समुद्र में टोही मिशन में अपनी महत्वपूण भूमिका निभाता आया. यह लंबी दूरी तक निगरानी रखने में सक्षम है.
देश आज अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस मौके पर कर्तव्य पथ पर भारतीय सेना ने अपनी शौर्य और ताकत का प्रदर्शन किया. थल सेना ने जहां परेड में हिस्सा लिया, वहीं वायुसेना और नेवी ने अपनी अद्भुत क्षमता से दुनिया को अवगत कराया. इस दौरान युद्धक विमान IL-38 प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहा. यह पहली और आखिरी बाद कर्तव्य पथ पर फ्लाईपास्ट शामिल हुआ.
45 वर्षों तक विमान IL-38 ने देश की सेवा की
युद्धक विमान IL-38 ने 45 वर्षों तक भारत की सेवा की है. इसे 50 विमानों के उस दल में शामिल किया गया, जिसने गणतंत्र दिवस के परेड में कर्तव्य पथ पर परेड में हिस्सा लिया.
1977 में भारतीय सेना में हुआ शामिल, पिछले साल रिटायर
मालूम हो युद्धक विमान IL-38 को 1977 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था. तब से यह समुद्र में टोही मिशन में अपनी महत्वपूण भूमिका निभाता आया. यह लंबी दूरी तक निगरानी रखने में सक्षम है.
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गणतंत्र दिवस परेड: खराब दृश्यता की वजह से लोग पूरे उत्साह से नहीं ले पाए फ्लाई-पास्ट का आनंद
राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को कोहरे की घनी चादर के कारण दृश्यता का स्तर कम होकर करीब 800 मीटर होने की वजह से परेड देखने आए लोग फ्लाई-पास्ट का पूरी तरह आनंद नहीं उठा सके. गणतंत्र दिवस परेड के दौरान हर साल फ्लाई-पास्ट आकर्षण का मुख्य केंद्र होता है.
परेड के दौरान आसमान पर छाये रहे कोहरे
इस बार परेड के दौरान लोग अपने मोबाइल कैमरे से इस रोंगटे खड़े कर देने वाले नजारे को कैद करना चाह रहे थे, लेकिन आसमान में कोहरे और धुंध की चादर के कारण ऐसा नहीं हो सका. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार दोपहर 12 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 287 के स्तर पर था जो बुधवार को शाम चार बजे के 160 के स्तर के बाद, तेजी से बिगड़ा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि सुबह सात बजे दृश्यता का स्तर 600 मीटर था जो पूर्वाह्न 11 बजे सुधरकर 800 मीटर हो गया.