‘एक राष्ट्र एक चुनाव सुशासन लाने में कारगर’, राष्ट्र के नाम संबोधन में बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू
President Draupadi Murmu: देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस वक्त राष्ट्र को संबोधित कर रही हैं.
President Draupadi Murmu: गणतंत्र दिवस के पूर्व संध्या पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देशवासियों को संबोधित कर रही हैं. द्रौपदी मुर्मू ने एक राष्ट्र एक चुनाव सुशासन लाने में कारगर साबित होगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सबसे पहले देश को 76वें गणतंत्र दिवस की बधाई दी है. द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ‘देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले हमारे सैनिकों के साथ-साथ सीमाओं के भीतर देश को सुरक्षित रखने वाले पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी मैं बधाई देती हूं। न्यायपालिका, सिविल सेवाओं तथा विदेशों में हमारे मिशनों के सदस्यों को भी मेरी बधाई’. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “हमारी सांस्कृतिक विरासत के साथ हमारा जुड़ाव और अधिक गहरा हुआ है। इस समय आयोजित हो रहे प्रयागराज महाकुंभ को उस समृद्ध विरासत की प्रभावी अभिव्यक्ति के रूप में देखा जा सकता है। हमारी परंपराओं और रीति-रिवाजों को संरक्षित करने तथा उनमें नई ऊर्जा का संचार करने के लिए संस्कृति के क्षेत्र में अनेक उत्साह-जनक प्रयास किए जा रहे हैं।”
तीन नए आपराधिक कानूनों पर बोली राष्ट्रपति मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र के नाम संबोधन में तीन नए आपराधिक कानूनों के बारे में कहा कि, “वर्ष 1947 में हमने स्वाधीनता प्राप्त कर ली थी, लेकिन औपनिवेशिक मानसिकता के कई अवशेष लंबे समय तक विद्यमान रहे। हाल के दौर में, उस मानसिकता को बदलने के ठोस प्रयास हमें दिखाई दे रहे हैं। ऐसे प्रयासों में इंडियन पीनल कोड, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड, और इंडियन एविडेंस एक्ट के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू करने का निर्णय सर्वाधिक उल्लेखनीय है.”