73 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारतीय सेना के छह जवानों को उनकी विशिष्ट सेवा के लिए देश के तीसरे सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार शौर्य चक्र से सम्मानित किया जायेगा. इनमें से पांच जवानों को मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया गया है. इनमें 17 मद्रास रेजिमेंट के नायब सूबेदार श्रीजीत एम. को जुलाई 2021 में जम्मू-कश्मीर में तलाशी अभियान के दौरान एक आतंकवादी को मार गिराने के लिए शौर्य चक्र से मरणोपरांत इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
राजपूत रेजिमेंट के हवलदार अनिल कुमार तोमर को दिसंबर 2020 में जम्मू और कश्मीर में एक कॉम्बैट एक्शन टीम का नेतृत्व करते हुए दो आतंकवादियों को मारने के लिए शौर्य चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया है. वहीं, कोर ऑफ इंजीनियर्स के हवलदार काशीराय बम्मनल्ली को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में एक ऑपरेशन के दौरान एक आतंकवादी को मार गिराने के लिए शौर्य चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया. इन्होंने इस घातक हमले के दौरान टीम के सदस्यों की जान भी बचाई जिसके लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया गया.
जाट रेजिमेंट के हवलदार पिंकू कुमार को एक ऑपरेशन के दौरान एक आतंकवादी को मारने के लिए शौर्य चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया. अपनी जान की परवाह किये बिना ही इन्होंने एक आतंकी को मार गिराया और दूसरे को गंभीर रूप से घायल कर दिया सिपाही मारुप्रोलू जसवंत कुमार रेड्डी को जम्मू-कश्मीर में आमने-सामने की मुठभेड़ में एक आतंकवादी को मार गिराने के लिए शौर्य चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया है. उन्होंने ऑपरेशन के दौरान अपने टीम कमांडर की जान भी बचाई.
5 असम राइफल्स के राइफलमैन राकेश शर्मा को जुलाई 2021 में असम में एक ऑपरेशन में दो विद्रोहियों को मारने के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है. रक्षा मंत्रालय ने इस संबध में जानकारी दी है कि सेना को अपने कर्मियों की वीरता और विशिष्ट सेवा के लिए कुल 317 पुरस्कार मिलेंगे . छह शौर्य चक्रों के अलावा, 19 परम विशिष्ट सेवा पदक , चार उत्तम युद्ध सेवा पदक , 33 अति विशिष्ट सेवा पदक और 84 सेना पदक (वीरता) हैं. 10 युद्ध सेवा पदक , 40 सेना पदक , 77 विशिष्ट सेवा पदक भी शामिल है.