नयी दिेल्ली : सुप्रीम कोर्ट से आज रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा के विशेषाधिकार हनन मामले में अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तारी से छूट दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक इस मामले में आगे सुनवाई नहीं होती है, तब तक अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है.
CJI एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने अर्नब गोस्वामी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जब तक मामले की अगली सुनवाई नहीं हो जाती है, उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. महाराष्ट्र विधानसभा सचिव ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे की आलोचना के लिए अर्नब के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी किया है.
विशेषाधिकार हनन के नोटिस के खिलाफ जब अर्नब गोस्वामी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तो महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव ने उन्हें धमकाते हुए एक पत्र लिखा है. कोर्ट ने उस पत्र को आधार मानकर महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और पूछा है कि क्यों ना इसे कोर्ट की अवमानना का मामला माना जाये.
गौरतलब है कि रिपब्लिक टीवी के पत्रकार अर्नब गोस्वामी अभी जेल में हैं, उन्हें 2018 के एक आत्महत्या के मामले में आरोपी मानकर महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार किया है. महाराष्ट्र पुलिस का कहना है कि आत्महत्या करने वाले के परिजनों ने अर्नब गोस्वामी पर आरोप लगाया है कि उनके द्वारा बकाये का भुगतान नहीं करने के कारण ही उस आर्किटेक्ट ने आत्महत्या की थी.
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बुधवार 4 नवंबर को सुबह में अर्नब गोस्वामी को उनके घर से गिरफ्तार किया गया है. अर्नब के वकील का यह दावा है कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट की. अर्नब का कहना है कि उन्होंने आर्किटेक्ट का तमाम बकाया चुका दिया था. भाजपा ने अर्नब की गिरफ्तारी को इमरजेंसी से जोड़ा है.
Posted By : Rajneesh Anand