कोरोना (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए क्वारंटाइन (quarantine) बचाव का पहला उपाय है जो एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव आने के बाद करता है. डेल्टा वैरिएंट जैसे घातक स्वरूप से बचने के लिए 14 दिनों के सख्त क्वारंटाइन में रहने की सलाह डॉक्टर देते है. जबकि अब नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को कम घातक बताते हुए इसके लिए क्वारंटाइन की अवधि में थोड़ी छूट की संभावना है. लेकिन इस बीच ब्रिटेन में हुए एक रिसर्च ने डरा दिया है. जिसमें यह बात निकलकर सामने आई है कि 10 दिनों के क्वारंटाइन के बाद भी कुछ लोगों में वायरस रह जाता है जिससे संक्रमण फैलने की आशंका बना रहता है.
दरअसल अंतरराष्ट्रीय जर्नल ऑफ इंफेक्सस डिजीज की एक स्ट़डी में यह खुलासा हुआ है कि 10 दिनों के क्वारंटाइन में रहे 13 फीसदी कोरोना संक्रमित में क्वारंटाइन की अवधि पूरी होने के बाद भी इतनी मात्रा में वायरस मौजूद थे जिससे दूसरे व्यक्तियों तक संक्रमण फैल सके. यानी क्वारंटाइन के बाद भी कोरोना के वायरस पूरी तरह से खत्म नहीं हुए थे. यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर की अगुवाई में वैज्ञानिकों ने एक स्टडी की है. इसमें नए तरह के टेस्ट का इस्तेमाल करते हुए वायरस की सक्रियता का पता लगाया गया. इस स्टडी को एक्सेटर के 176 लोगों पर किया गया. जिनका पीसीआर जांच संक्रमित मिला था.
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स्टडी में चौकान्ने वाला खुलासा: वहीं, इस स्टडी का प्रकाशन अंतरराष्ट्रीय जर्नल ऑफ इंफेक्सस डिजीज में किया गया है. जिसमें बताया गया है कि 13 फीसदी में 10 दिनों के क्वारंटाइन के बाद भी वायरस की इतनी मात्रा बनी रही जिससे दूसरे आसानी से संक्रमित हो सकते थे. वहीं, इस स्टडी में चौकन्ने वाली बात यह सामने आई है कि कुछ लोगों में तो इस वायरस का मौजूदगी 68 दिनों तक बनी रही. इसके देखते हुए वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना संक्रमण प्रसार के दृष्टि से काफी खतरनाक साबित होता है.