वैक्सीन पर नयी नीति से आयी क्रांति, देश भर में 13 दिनों में लगाये गये 6.77 करोड़ से ज्यादा डोज
नयी दिल्ली : कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) को लेकर केंद्र सरकार ने 21 जून से जो बदलाव किया है, उसका असर दिखने लगा है. नयी नीति (Vaccine New Policy) लागू होने से अब तक केवल दो सप्ताह में ही देश भर में 6.77 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन के डोज लगाये गये हैं. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (MoHFW) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार इन 13 दिनों में इतने वैक्सीन लगाये गये हैं जो जनवरी से अब तक लगाये गये कुल वैक्सीन का पांचवां हिस्सा है.
नयी दिल्ली : कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) को लेकर केंद्र सरकार ने 21 जून से जो बदलाव किया है, उसका असर दिखने लगा है. नयी नीति (Vaccine New Policy) लागू होने से अब तक केवल दो सप्ताह में ही देश भर में 6.77 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन के डोज लगाये गये हैं. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (MoHFW) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार इन 13 दिनों में इतने वैक्सीन लगाये गये हैं जो जनवरी से अब तक लगाये गये कुल वैक्सीन का पांचवां हिस्सा है.
मंत्रालय के अनुसार 21 जून से 3 जुलाई तक 13 दिनों में जो 6.77 करोड़ के करीब डोज लगाये गये हैं, उससे इस अवधि में टीकाकरण में 67 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. यह बढ़ोतरी 8 से 20 जून की तुलना में देखी गयी है. 21 जून के बाद से दैनिक टीकाकरण का औसत 52.08 लाख पर पहुंच गया है. जो पहले करीब 20 लाख के आसपास था. जानकारों ने पहले भी कहा था कि भारत की पूरी आबादी को दिसंबर तक टीका लगाने के लिए हर दिन करीब 40 लाख वैक्सीन लगाने होंगे.
पिछले महीने एक बड़ा ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 21 जून से 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी नागरिकों को केंद्र सरकार मुफ्त में टीका देगी. इससे पहले केंद्र केवल 45 साल से ऊपर के लोगों के लिए मुफ्त टीका उपलब्ध कराती थी. कई राज्यों ने 18 प्लस की आबादी के लिए अपनी ओर से फ्री वैक्सीनेशन का काम शुरू किया था. पीएम मोदी ने यह भी कहा था कि सरकार अब कंपनियों से कुल उत्पादन का 75 फीसदी टीका खुद खरीदेगी और 25 फीसदी डोज कंपनियों किसी को भी बेचने के लिए स्वतंत्र होंगी.
देश के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तीसरे फेज में केंद्र सरकार ने 1 मई के 18-44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के लिए टीकाकरण शुरू कर दी थी. 20 जून तक 18-44 वर्ष के लोगों को केवल 50 प्रतिशत वैक्सीन से टीका लगाया जा रहा था जो राज्य सरकारें और प्रदवेट अस्पताल टीका बनाने वाली कंपनियों से खरीद रही थी. केंद्र उस समय कुल उत्पादन का 50 फीसदी डोज खरीद रहा था, जिससे 45 प्लस के लोगों को टीका लगाया जा रहा था.
21 जून से केंद्रीकृत खरीद में बदलाव टीकों की आपूर्ति में वृद्धि के साथ हुआ, क्योंकि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक ने कोविशील्ड और कोवैक्सिन के उत्पादन में तेजी लाई गयी है. भारत में इस समय सबसे ज्यादा कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगायी जा रही है. रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-V को भी भारत में मंजूरी मिल गयी है, लेकिन अभी यह कुछ ही शहरों में उपलब्ध है.
Posted By: Amlesh Nandan.