वैज्ञानिकों ने भारत जैसे निम्न और मध्यम आय वाले देशों में मधुमेह जैसे गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) वाले लोगों पर कोविड-19 के सहक्रियात्मक प्रभाव का आकलन किया और पाया कि उनके लिए इस महामारी से ज्यादा खतरनाक समय कभी नहीं रहा.
पत्रिका ‘फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ’ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार एनसीडी से प्रभावित व्यक्तियों के कोविड-19 से संक्रमित होने और इससे मृत्यु होने का अधिक खतरा है. कर्नाटक में ‘मणिपाल एकेडमी आफ हायर एजुकेशन’ से श्रद्धा एस पारसेकर सहित अनुसंधानकर्ताओं ने अध्ययन में यह भी पाया कि कोविड-19 के चलते आवश्यक जन स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हुईं हैं जिस पर एनसीडी से प्रभावित व्यक्ति अपनी स्थिति का प्रबंधन करने के लिए निर्भर रहते हैं .
वैज्ञानिकों ने अध्ययन में ब्राजील, भारत, बांग्लादेश, नेपाल, पाकिस्तान और नाइजीरिया जैसे निम्न और मध्यम आय वाले देशों में एनसीडी वाले लोगों पर कोविड-19 के सहक्रियात्मक प्रभाव को लेकर लगभग 50 अध्ययनों की समीक्षा की.
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अध्ययन के नेतृत्वकर्ता ऑस्ट्रेलिया स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स (यूएनएसडब्ल्यू) के प्रमुख उदय यादव के अनुसार, एनसीडी और कोविड-19 के बीच परस्पर प्रभाव का अध्ययन करना महत्वपूर्ण था क्योंकि वैश्विक आंकड़े से पता चला है कि कोविड-19 से संबंधित मौतें एनसीडी से प्रभावित वाले लोगों में असमान रूप से अधिक थी
Posted By – Pankaj Kumar Pathak