बंगाल में दुर्गा पूजा की धूम है, इस त्योहारी सीजन में यहां कोविड 19 का संक्रमण बढ़ने की पूरी आशंका है. कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार सहित बंगाल सरकार ने भी कई कड़े कदम उठाये हैं. पूजा के दौरान किस तरह की सावधानी बरतनी है इसे लेकर गाइडलाइन भी जारी किया गया है.
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या आम आदमी पूजा के दौरान सरकारी गाइडलाइन का पालन करेंगे? कल ही एक सर्वे सामने आया था जिसमें इस बात का खुलासा हुआ था कि कोरोना प्रोटोकाॅल की देश में धज्जियां उठ रही हैं इसे में त्योहारी सीजन कोरोना वायरस के प्रकोप को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है.
रविवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक बंगाल में 60 लोग इस घातक वायरस से संक्रमित हुए, जबकि पिछले 24 घंटों में 11 लोगों की मौत हुई है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में पॉजिटिविटी रेट में मामूली बढ़ोतरी हुई है. पिछले महीने सकारात्मकता दर 1.69 थी और अक्टूबर में यह बढ़कर 1.8 हो गयी है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य में कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि का प्रमुख कारण दुर्गा पूजा की खरीदारी है. बंगाल में दुर्गा पूजा का एक बड़ा उत्सव है. यही वजह है कि पश्चिम बंगाल के मंदिरों और बाजारों में कोविड -19 प्रोटोकॉल की जमकर अवहेलना हो रही है. बाजारों में भारी भीड़ है. सोशल डिस्टेंसिंग की किसी को चिंता नहीं और मास्क पहनना अब लोग चाहते ही नहीं हैं.
डाक्टरों का कहना है कि अगर यही स्थिति रही तो हम एक बार फिर कोरोना वायरस के संक्रमण को बढ़ते हुए देखेंगे. आज जो स्थिति है उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि लोगों ने पिछले साल के अनुभव से कुछ नहीं सीखा है. राज्य में पिछले साल दुर्गा पूजा के बाद कोरोनावायरस के मामलों में वृद्धि देखी गयी थी.
Posted By : Rajneesh Anand