कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट का खतरा बढ़ा, महाराष्ट्र में और 7 मरीज मिले, बच्चों के टीकाकरण पर नहीं हुआ फैसला
देश में राजस्थान में नौ, गुजरात में तीन, महाराष्ट्र में 17, कर्नाटक में दो और दिल्ली में एक व्यक्ति इस वैरिएंट से संक्रमित है.
कोरोना वायरस के नये वैरिएंट ओमिक्रोन ने देश में तेजी से अपना संक्रमण बढ़ाना शुरू कर दिया है. शाम को महाराष्ट्र में ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित सात नये मामले सामने आये हैं. इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने प्रेस काॅन्फ्रेंस में बताया था कि देश में कुल 25 मामले ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित लोगों के हैं. यानी अब देश में कुल 32 लोग ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित हैं.
देश में राजस्थान में नौ, गुजरात में तीन, महाराष्ट्र में 17, कर्नाटक में दो और दिल्ली में एक व्यक्ति इस वैरिएंट से संक्रमित है. महाराष्ट्र में जो 7 नये मामले सामने आये हैं उनमें से 3 मुंबई से और 4 पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम से हैं. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी है कि अब प्रदेश में कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वैरिएंट के 17 मरीज हो गये हैं.
Maharashtra reports 7 new cases of Omicron- 3 from Mumbai and 4 from Pimpri Chinchwad Municipal Corporation; total Omicron cases in the state at 17 now: Maharashtra Health Department
— ANI (@ANI) December 10, 2021
स्वास्थ्य विभाग ने अपने प्रेस काॅन्फ्रेंस में लोगों को चेतावनी दी कि हम खतरे में हैं क्योंकि हमने मास्क लगाना कम कर दिया है. ओमिक्रोन से बचाव के लिए हमें मास्क पहनना बहुत जरूरी है, साथ ही हमें वैक्सीन के दोनों डोज भी लगवाने चाहिए, तभी हम इस वायरस से खुद को बचा पायेंगे.
बच्चों को टीका देने पर अभी नहीं हुआ है फैसला
ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए डाॅक्टर यह सलाह दे रहे हैं कि बच्चों को इससे बचाने के लिए उनका वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है, लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि देश में अबतक 18 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन देने पर कोई फैसला नहीं हुआ है.
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने आज कहा कि बच्चों के टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) की ओर से कोई सिफारिश नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि टीम इस संबंध में कई स्रोतों से प्राप्त सूचनाओं का अध्ययन किया जा रहा है.
वहीं 18 साल से अधिक के लोगों को टीके का बूस्टर डोज देने के बारे में उन्होंने कहा कि हम इस संबंध में विश्व पर नजर रखे हुए हैं. वैश्विक वैज्ञानिकों के अध्ययनों से जो बातें सामने आयेंगी उसके आधार पर ही कोरोना के बूस्टर डोज पर फैसला किया जायेगा.