Rivers of India : भारत की नदियां : जानिए किसे कहते हैं बारहमासी नदी, कौन-कौन सी सहायक नदियों से मिलकर बनती है यह

बर्फ और ग्लेशियर के पिघलने से बनने वाली नदियों को देश में हिमालयी नदियां कहा जाता है. इनमें वर्ष भर पानी रहता है. सो इन्हें बारहमासी कहते हैं.

By Aarti Srivastava | September 19, 2024 7:02 PM
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Rivers of India : हर वर्ष सितंबर महीने के अंतिम रविवार को विश्व नदी दिवस (World Rivers Day) मनाया जाता है. इस वर्ष यह दिवस 22 सिंतबर को मनाया जायेगा. आइए इस अवसर पर हम जानते हैं भारत की नदियों, विशेषकर बारहमासी नदियों के बारे में.

चार समूहों में विभाजित हैं भारत की नदियां


भारत की नदियां को चार समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है- (1) हिमालय की नदियां, (2) प्रायद्वीपीय नदियां, (3) तटवर्ती नदियां और (4) अंतःस्थलीय प्रवाह क्षेत्र की नदियां (Rivers of the inland drainage basin).

किसे कहते हैं हिमालयी नदियां


हिमालय की नदियां उन्हें कहते हैं, जो बर्फ और ग्लेशियर के पिघलने से बनती हैं. इसी कारण इनमें बारहों महीने निर्बाध रूप से जल प्रवाह बना रहता है. आम भाषा में इन नदियों को बारहमासी नदी कहते हैं. मानसून के महीने में हिमालय पर भारी वर्षा होती है, जिससे नदियों में पानी बढ़ जाता है. इस कारण इससे लगते क्षेत्रों में अक्सर बाढ़ आ जाती है.

मुख्य हिमालयी नदी प्रणाली

सिंधु और गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना नदियों से हिमालय की मुख्य नदी प्रणालियां बनती हैं.

  • सिंधु नदी विश्व की बड़ी नदियों में से एक है. तिब्बत में मानसरोवर के निकट इस नदी का उद्गम स्थल है. यह भारत से होती हुई पाकिस्तान जाती है और अंत में कराची के निकट अरब सागर में मिल जाती है. भारतीय क्षेत्र में बहने वाली इसकी प्रमुख सहायक नदियों में सतलज (जिसका उद्गगम तिब्बत में होता है), व्यास, रावी, चेनाब और झेलम हैं.
  • गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना अन्य महत्वपूर्ण नदी प्रणाली है. भागीरथी तथा अलकनंदा इसकी उप-नदी घाटियां (sub-basin) हैं. इन दोनों नदियों के देवप्रयाग में आपस में मिल जाने से गंगा की उत्पत्ति होती है. गंगा उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से होकर बहती है. यमुना, रामगंगा, घाघरा, गंडक, कोसी, महानंदा और सोन नदियां गंगा की प्रमुख सहायक नदियां हैं. चंबल और बेतवा इसकी महत्वपूर्ण उपसहायक नदियां हैं जो गंगा से पहले यमुना में मिलती हैं.
  • ब्रह्मपुत्र का उद्गम तिब्बत में होता है जहां इसे ‘सांगपो’ के नाम से जाना जाता है. वहां से यह लंबी दूरी तय करके भारत के अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है. अरुणाचल प्रदेश में यह नदी दिहांग नाम से जानी जाती है. पासीघाट के निकट, दिबांग और लोहित ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती हैं, फिर यह नदी असम से होती हुई धुबरी के बाद बांग्लादेश में प्रवेश कर जाती है. भारत में ब्रह्मपुत्र की प्रमुख सहायक नदियों में सुबानसिरी, जिया भरेली, धनश्री, पुथीमारी, पगलादीया और मानस हैं. बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र में तीस्ता आदि नदियां मिलती हैं, जो अंत में गंगा नदी में मिल जाती हैं.
  • बराक नदी, जो मेघना की मुख्यधारा है, उसका उद्गम मणिपुर की पहाडियों में होता है. इसकी मुख्य सहायक नदियां मक्कू, त्रांग, तुईवई, जिरी, सोनाई, रुकनी, काटाखल, धनेश्वरी, लंगाचीनी, मदुवा और जटिंगा हैं. बराक बांग्लादेश में भैरव बाजार के निकट तक बहती है और यहीं गंगा-ब्रह्मपुत्र नदी में इसका विलय हो जाता है.
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