दिल्ली में एक बार फिर से रोहिंग्या शरणार्थियों (Rohingya Refugees ) का मामला सामने आया है. रोहिंग्या शरणार्थियों को केंद्र सरकार की ओर से फ्लैट उपलब्ध कराये जाने की बात को लेकर विवाद भी काफी हुआ. अब इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय का बयान भी सामने आया है. दरअसल केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों को बाहरी दिल्ली में स्थित बक्करवाला के अपार्टमेंट में भेजा जाएगा और उन्हें मूलभूत सुविधाएं तथा पुलिस सुरक्षा भी मुहैया की जाएगी. इसी बयान के बाद विवाद शुरू हुआ. जिसके बाद गृह मंत्रालय को सफाई देनी पड़ी.
देश वापस भेजने तक कानून के अनुसार निरुद्ध केंद्र में रहेंगे रोहिंग्या
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा, रोहिंग्या को उनके देश वापस भेजने तक कानून के अनुसार निरुद्ध केंद्र में रखा जाना है. रोहिंग्या प्रवासियों को नये स्थान पर स्थानांतरित करने के प्रस्ताव पर, गृह मंत्रालय का कहना है कि उसने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि उन्हें वर्तमान स्थान पर बनाए रखा जाए. गृह मंत्रालय ने कहा, दिल्ली सरकार ने रोहिंग्या की वर्तमान बस्ती को निरुद्ध केंद्र घोषित नहीं किया है, उसे ऐसा तत्काल करने को कहा गया है.
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गृह मंत्रालय ने रोहिंग्या को ईडब्ल्यूएस फ्लैट उपलब्ध कराने का कोई निर्देश नहीं दिया
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को नयी दिल्ली में ईडब्ल्यूएस फ्लैट उपलब्ध कराने का कोई निर्देश नहीं दिया है.
हरदीप सिंह पुरी ने क्या दिया था बयान
केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि रोहिंग्या शरणार्थियों को बाहरी दिल्ली में स्थित बक्करवाला के अपार्टमेंट में भेजा जाएगा और उन्हें मूलभूत सुविधाएं तथा पुलिस सुरक्षा भी मुहैया की जाएगी. आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए फ्लैट का निर्माण नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने किया है और ये टिकरी सीमा के पास बक्करवाला इलाके में स्थित है. पुरी ने एक ट्वीट में कहा था कि भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी. एक ऐतिहासिक फैसले में सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में स्थित फ्लैट में स्थानांतरित किया जाएगा. उन्हें मूलभूत सुविधाएं यूएनएचसीआर (शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त की ओर से जारी) परिचय पत्र और दिल्ली पुलिस की चौबीसों घंटे सुरक्षा मुहैया की जाएगी. मंत्री ने उन लोगों की भी आलोचना की जिन्होंने देश की शरणार्थी नीति पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग इस कदम से निराश होंगे.