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शरद पवार से प्रशांत किशोर की मुलाकात पर बोले केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले, नरेंद्र मोदी और एनडीए पर नहीं दिखेगा इसका परिणाम

RPI Chief Ramdas Athawale राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गरम है. सियासी गलियारों में चर्चा तेज है कि शरद पवार के साथ प्रशांत किशोर की मुलाकात के दौरान दिल्ली और अलग-अलग राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) विरोधी दलों को एक मंच पर लाने को लेकर लंबी बातचीत हुई है. वहीं, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने इस मुलाकात पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सदन में कई गैर एनडीए दलों का सरकार को समर्थन है और इस मीटिंग का कोई नतीजा नहीं निकलेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2021 10:07 PM

RPI Chief Ramdas Athawale राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गरम है. सियासी गलियारों में चर्चा तेज है कि शरद पवार के साथ प्रशांत किशोर की मुलाकात के दौरान दिल्ली और अलग-अलग राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) विरोधी दलों को एक मंच पर लाने को लेकर लंबी बातचीत हुई है. वहीं, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने इस मुलाकात पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सदन में कई गैर एनडीए दलों का सरकार को समर्थन है और इस मीटिंग का कोई नतीजा नहीं निकलेगा.

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ तीन घंटे तक बातचीत की. इसका परिणाम नरेंद्र मोदी और एनडीए (NDA) पर नहीं होगा. उन्होंने कहा कि 2019 में प्रशांत किशोर भाजपा के साथ नहीं थे, फिर भी भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीटें जीती थी. रामदास अठावले ने दावा करते हुए कहा कि 2024 में नरेंद्र मोदी तीसरी बार जीतकर फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे. माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर ने शरद पवार से मुलाकात के दौरान उनके सामने देशभर के राजनीतिक दलों के आंकड़े सामने रखे और भाजपा विरोधी दलों को एक साथ एक मंच पर लाने पर विस्तार से चर्चा हुई.

बता दें कि भाजपा विरोधी दलों को एक मंच पर लाने की पहल इससे पहले कई बार की गई है. लेकिन, सफलता नहीं मिली. इस प्रयास को एक बार फिर से सफल बनाने के उद्देश्य से नए सिरे से कोशिश शुरू की गई है. ऐसे में दिल्ली के राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि शरद पवार ही ऐसे नेता हैं, जो भाजपा विरोधी दलों को एक मंच पर ला सकते हैं. ऐसी चर्चा है कि शरद पवार के लंबे राजनीतिक अनुभव और सभी दलों के प्रमुखों के साथ उनके बेहतर रिश्ते को ध्यान में रखते हुए भाजपा विरोधी राजनीतिक दलों ने ही प्रशांत किशोर को इस काम के लिए आगे किया है कि वे पवार को इसके लिए राजी करें.

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