RSS चीफ मोहन भागवत ने कहा-भारतीय मुसलमानों को सीएए और एनआरसी से डरने की जरूरत नहीं
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के चीफ मोहन भागवत ने कहा है कि भारतीय मुसलमानों को सीएए और एनआरसी से कोई नुकसान नहीं होगा.
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के चीफ मोहन भागवत ने कहा है कि सीएए और एनआरसी का किसी भी भारतीय नागरिक के खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया जायेगा. भारतीय मुसलमानों को सीएए और एनआरसी से कोई नुकसान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि देश विभाजन के समय यह आश्वासन दिया गया था कि हम अपने देश में अल्पसंख्यकों का ख्याल रखेंगे और आज तक देश में इस बात का पूरा ख्याल रखा गया है.
देश में अल्पसंख्यकों को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं है और ना ही उनके अधिकारों का हनन हुआ है, जबकि पाकिस्तान ने अपने देश के अल्पसंख्यकों के साथ ऐसा नहीं किया.
CAA & NRC haven't been formed against any citizen of India. Indian Muslims will face no loss due to CAA. After partition, assurance was given that we'll take care of minorities of our country. We're abiding by that till today, Pakistan didn't: RSS Chief Mohan Bhagwat, in Guwahati pic.twitter.com/hla2iap3gK
— ANI (@ANI) July 21, 2021
मोहन भागवत ने कहा लोकतंत्र हमारे खून में है
मोहन भागवत ने असम के गुवाहाटी में कहा कि हमें दुनिया से धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और लोकतंत्र की सीख लेने की कोई जरूरत नहीं है. धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और लोकतंत्र हमारी परंपरा का हिस्सा है.
मोहन भागवत ने कहा कि लोकतंत्र हमारे खून में शामिल है. यह परंपराएं सदियों से हमारे देश में मौजूद हैं. इन्हें हमारे देश में लागू किया गया और हमने इन परंपराओं पोषण किया और उन्हें जीवित रखा है. आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत उक्त बातें असम के गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान कही.
सीएए और एनआरसी क्या है?
सीएए यानी नागरिकता संशोधन कानून 2019 ( सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट) के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आये हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, क्रिश्चियन और पारसी धर्म के लोगों को नागरिकता देने की आसान प्रक्रिया है. पहले नागरिकता हासिल करने के लिए देश में 11 वर्षों तक रहना अनिवार्य था लेकिन अब उस अवधि को एक वर्ष से छह वर्ष कर दिया गया है.
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नेशनल रजिस्टर आॅफ सिटिजन का उद्देश्य देश से घुसपैठियों को निकलना है और इसी उद्देश्य से नागरिकों का एक रजिस्टर तैयार किया जा रहा है. एनआरसी की प्रक्रिया अभी सिर्फ असम में पूरी हुई है जहां काफी विवाद भी हुआ और यह कहा गया कि रजिस्टर में कई भारतीय नागरिकों का ही नाम शामिल नहीं है. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि एनआरसी को पूरे देश में लागू किया जायेगा
Posted By : Rajneesh Anand