राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत का कहना है कि सबके पूर्वज समान हैं. उन्होंने कहा कि 40 हजार साल पहले जो भारत था, काबुल के पश्चिम से छिंदविन नदी की पूर्व तक और चीन की तरफ की ढलान से श्रीलंका के दक्षिण तक जो मानव समूह आज है उनका DNA 40 हजार साल से समान है. उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज समान हैं. बता दें, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत एक कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान यह बात कही.
हम सबके पूर्वज समान- भागवत: अपने संबोधन में भागवत ने कहा कि विज्ञान कहता है कि हम सबके पूर्वज समान हैं. डीएनए मैपिंग के आधार पर यह तथ्य रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज भले ही हमें अलग-अलग कहा जाता है लेकिन विज्ञान के मुताबिक, 40 हजार साल पहले जो अखंड भारत था. उनका डीएनए समान है.
सबकी अपनी मान्यताएं- भागवत: अपने भाषण में संघ प्रमुख ने कहा कि 40 हजार साल पहले से हमारे पूर्व समान है. हमारे पूर्वजों ने ही हमें सब सिखाया है. उन्होंने कहा कि सबकी अपनी-अपनी पूजा है, मान्यताएं हैं. उन्होंने कहा कि उसपर बने रहें. सबकी अपनी-अपनी भाषा है, उसे बोलते रहे, अपनी भाषा के विकास को समृद्ध बनाने की कोशिश करते रहें. अपने खानपान और रीति-रिवाज का पालन करते रहें.
#WATCH सबके पूर्वज समान हैं, 40,000 वर्ष पहले से जो भारत था, काबुल के पश्चिम से छिंदविन नदी की पूर्व तक और चीन की तरफ की ढलान से श्रीलंका के दक्षिण तक जो मानव समूह आज है उनका DNA 40,000 वर्षों से समान है और तबसे हमारे पूर्वज समान हैं: RSS प्रमुख मोहन भागवत pic.twitter.com/Sqnm5ocUFT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 15, 2022
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि 40 हजार साल पहले से जो अखंड भारत था, वो काबुल के पश्चिम से छिंदविन नदी की पूर्व तक और चीन की तरफ की ढलान से, श्रीलंका के दक्षिण तक जो मनुष्यों समूह आज है, उन सबका डीएनए एक है. उनका 40 हजार साल से डीएनए एक समान है.