‘हिंदुओं के हित में ही राष्ट्र का हित है’, हैदराबाद के कार्यक्रम में बोले संघ प्रमुख मोहन भागवत
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आगे कहा कि कोई भी बात जो हमको डरपोक बनाने वाली है, उसमें हम नहीं जाएंगे. कोई भी बात जो डरपोक बनाने वाली है, उसमें भी हम नहीं जाएंगे. आपस में झगड़ा लगाने से बचेंगे. हम स्वाभिमान से जिएंगे और सृष्टि का पालन पोषण करेंगे.
हैदराबाद : देश में अभी हाल के महीनों में आयोजित धर्म संसद में संतों के विवादित बयानों से किनारा करने के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि हिंदुओं के हित में ही राष्ट्र का हित है. उन्होंने कहा कि मेरा अपना हित, परिवार का हित, भाषा का हित, मेरी जाति का हित, मेरे प्रांत का हित मेरे पंथ का हित, ये हमेशा दूसरे नंबर पर है. पहले नंबर हिंदू हित यानी राष्ट्र हित है. इसी तरह, राष्ट्रहित सबके लिए प्राथमिक होना चाहिए.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आगे कहा कि कोई भी बात जो हमको डरपोक बनाने वाली है, उसमें हम नहीं जाएंगे. कोई भी बात जो डरपोक बनाने वाली है, उसमें भी हम नहीं जाएंगे. आपस में झगड़ा लगाने से बचेंगे. हम स्वाभिमान से जिएंगे और सृष्टि का पालन पोषण करेंगे.
उन्होंने कहा कि हमें समाप्त करने का बहुत प्रयास किया गया, लेकिन अगर ऐसा होना होता तो हो चुका होता. हजारों साल में भी कोई हमें मिटा नहीं पाया. जो हमें नष्ट करना चाहते हैं, वही खोखले हो रहे हैं. हम वैसे के वैसे ही हैं. पांच हजार साल पुराना सनातन धर्म आज भी वैसे का वैसा है.
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बता दें कि हैदराबाद के श्रीरामनगरम के जीवा कैंपस में स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी स्थापित की गई है. यह मोहन भागवत स्वामी रामुनाजाचार्य की याद में स्थापित किया गया है. यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मूर्ति है.
इस मूर्ति की खासियत यह है कि बैठी अवस्था में बनाई गई सबसे ऊंची मूर्ति है. इसकी ऊंचाई 216 फीट है. इसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. यह मूर्ति पांच धातुओं से बनाई गई है. इन धातुओं में सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता शामिल किए गए हैं. इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल थे.