RSS नेता होसबाले बोले- बांग्लादेशी घुसपैठ से कई जिलों की जनसंख्या असंतुलित, हिंदुओं की आबादी पर भी असर
आरएसएस नेता होसबाले ने बताया कि बांग्लादेश के रास्ते उत्तर बिहार के पूर्णिया, कटिहार समेत कई जिलों और कई राज्यों में जनसंख्या अ- संतुलन देखने को मिली है. इसके अलावा उन्होंने कहा, पिछड़े लोगों को साझें में रखकर धर्मांतरण कराया जा रहा है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की चार दिवसीय बैठक में देश की जनसंख्या और धर्मांतरण को लेकर एक बार फिर चिंता जाहिर की गई. आरएसएस के सरकार्यवाहक दत्तत्रेय होसबाले ने कहा कि देश की जनसंख्या असंतुलित है, जिनपर विचार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, धर्मांतरण के कारण कई स्थानों पर हिंदुओं की जनसंख्या में कमी आई है और इसके परिणाम भी देखे गए हैं.
UP | Various reasons for population imbalance…Due to conversions, population of Hindus decreased in many places & its consequences have been witnessed too. Infiltration from Bangladesh has been seen in districts of north Bihar, North East & other states: RSS Gen Secy D Hosabale pic.twitter.com/CnFdyq0inI
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 19, 2022
धर्मांतरण से हिंदुओं की संख्या घटी- होसबाले
आरएसएस की बैठक का बुधवार को समापन किया गया. इस मौके पर सरकार्यवाह डी होसबाले ने कहा, देश के सभी धर्मों के लिए जनसंख्या नीति बनाने की जरूरत है. वहीं, उन्होंने कहा, हमने पहले भी कहा है कि जिन्होंने अपना धर्म बदल लिया है उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए. उन्होंने कहा, धर्मांतरण के कारण हिंदुओं की संख्या घटी है.
बिहार के इन जिलों में जनसंख्या असंतुलित
आरएसएस नेता होसबाले ने बताया कि बांग्लादेश के रास्ते उत्तर बिहार के पूर्णिया, कटिहार समेत कई जिलों और कई राज्यों में जनसंख्या अ- संतुलन देखने को मिली है. इसके अलावा उन्होंने कहा, पिछड़े लोगों को साझें में रखकर धर्मांतरण कराया जा रहा है. संघ ने पहले से कहा है कि जो मतांतरित होते हैं उन्हें आरक्षण की सुविधा नहीं मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर निर्णय करने के लिए सरकार द्वारा पूर्व प्रधान न्यायाधीश के जी बालकृष्णन की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है जो इस मामले में अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट देगी.
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मोहन भागवत ने भी जताई थी चिंता
इससे पहले दशहरे के मौके पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने देश की जनसंख्या पर चिंता जाहिर की थी. उन्होंने देश में एक नीति बनाने की बात कही थी, जो सभी पर समान रूप से लागू किया जा सके. गौरतलब है कि आरएसएस प्रमुख महोन भागवत भी 16 से 19 अक्टूबर के बीच संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी बैठक में शामिल हुए थे.
(भाषा- इनपुट के साथ)