विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’ के घटक दलों ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने की घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और कहा कि उन्हें सबसे पहले संसद के दोनों सदनों में मणिपुर मामले पर बयान दें और फिर इस मुद्दे पर चर्चा करायें.
विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले बैठक कर सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा की. आज सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद मणिपुर मामले को लेकर सदन में काफी हंगामा हुआ, जिसके बाद कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गयी. विपक्ष की बैठक राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई. इस बैठक में खरगे के अलावा समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और कई अन्य नेता शामिल हुए.
बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘26 पार्टियों वाले ‘इंडिया’ की मांग बिल्कुल स्पष्ट है. प्रधानमंत्री को संसद के दोनों सदनों में 3 मई, 2023 के बाद से मणिपुर में हुए भयावह और दुखद घटनाक्रम पर बयान देना चाहिए और फिर इसके बाद चर्चा होनी चाहि.। यह कार्यसूची में पहले क्रम पर होना चाहिए.’’ उधर, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, मणिकम टैगोर और कुछ अन्य विपक्षी सांसदों ने मणिपुर के मामले पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग करते हुए बृहस्पतिवार को कार्यस्थगन के नोटिस दिये. लोकसभा सदस्य तिवारी ने सदन में चर्चा की मांग करते हुए कहा था कि सरकार को मणिपुर की स्थिति के बारे में जानकारी देने के साथ ही यह भी बताना चाहिए कि शांति बहाली के लिए क्या उपाय किये गए.
#WATCH | Manipur is burning. Women are raped, naked, paraded and the PM is keeping quiet and is giving statements outside, says Rajya Sabha LoP Mallikarjun Kharge pic.twitter.com/d2g7skXFMR
— ANI (@ANI) July 20, 2023
टैगोर ने नोटिस में कहा कि मणिपुर में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा के विषय पर प्राथमिकता के आधार पर चर्चा होनी चाहिए तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्य की स्थिति के बारे में सदन में स्पष्टीकरण देना चाहिए. कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन ने नियम 267 के तहत दिए नोटिस में शून्यकाल, प्रश्नकाल और अन्य विधायी कार्य स्थगित करके चर्चा की मांग की. शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी नियम 267 के तहत नोटिस देकर उच्च सदन में मणिपुर के विषय पर चर्चा का आग्रह किया. राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने मणिपुर के हालात पर चर्चा कराने पर सरकार की सहमति जतायी. किंतु उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष खरगे और तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने इस बात पर बल दिया कि इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में बयान देना चाहिए और उसके बाद कार्यस्थगन प्रस्ताव के नियम के तहत चर्चा करायी जाए.
मणिपुर वीडियो मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र और मणिपुर सरकार से यह कहा है कि वे यह बतायें कि उन्होंने अपराधियों को सजा दिलाने के लिए क्या कार्रवाई की. सुपीम कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया में जो वीडियो वायरल है वह घोर आपत्तिजनक है और उसमें संविधान की अवज्ञा की गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिलाओं को हिंसा के साधन के रूप में उपयोग करना मानवता के खिलाफ है और वे इस मामले को लेकर व्यथित हैं. कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्य कोर्ट को बतायें कि उन्होंने इस दिशा में क्या कदम उठायें हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई अगले शुक्रवार को तय की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मणिपुर वायरल वीडियो मामले में अपना क्रोध और दुख जताया है. उन्होंने कहा कि यह मामला पूरे देश को शर्मिंदा करने वाला है. किसी भी हालत में गुहनगारों को बख्शा नहीं जायेगा. मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने इस मामले पर कहा कि मैंने वीडियो देखा और मुझे बहुत बुरा लगा, यह मानवता के खिलाफ अपराध है. मैंने तुरंत पुलिस को दोषियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया और राज्य सरकार आरोपियों के लिए मौत की सजा सुनिश्चित कराने की कोशिश करेगी. एन बीरेन सिंह ने कहा कि हर इंसान को इसकी निंदा करनी चाहिए. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुए अमानवीय कृत्य के सामने आने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बृहस्पतिवार को बात की और घटना की पूरी जानकारी ली. सूत्रों के हवाले से ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री को चार मई को हुई इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. अमित शाह ने इस घटना में शामिल सभी आरोपियों को अविलंब पकड़ने के लिए हर संभव कदम उठाने और कानून के तहत उचित कार्रवाई करने को कहा है.