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भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ एंटी रेडियेशन मिसाइल रूद्रम-1, दुश्मनों के छूट जायेंगे छक्के

भारत ने अपने सामरिक शक्ति को बढ़ाते हुए शुक्रवार को एंटी रेडियेशन ओलूग (Anti radiation missile) मिसाइल रूद्रम-1 (Rudram-1) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. इससे चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) की चिंता बढ़ गयी है. क्योंकि अनेक खूबियों से लैस यह मिसाइल युद्ध के मैदान का अजेय योद्धा है. इस मिसाइल की खासियत यह है कि इसे भारतीय वायुसेना अपने सुखोई -30 एमकेआई लड़ाकू जेट से भी लॉन्च कर सकती है. साथ ही यह दुश्मनों के रडार को निशाना बनाकर ध्वस्त कर देता है, इसके कारण इस मिसाइल का पता लगा पाना दुश्मनों के लिए मुश्किल है. इस मिसाइल की रफ्तार ध्वनि से दोगुनी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 10, 2020 8:50 AM

भारत ने अपने सामरिक शक्ति को बढ़ाते हुए शुक्रवार को एंटी रेडियेशन मिसाइल रूद्रम-1 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. इससे चीन और पाक्सितान की चिंता बढ़ गयी है. क्योंकि अनेक खूबियों से लैस यह मिसाइल युद्ध के मैदान का अजेय योद्धा है. इस मिसाइल की खासियत यह है कि इसे भारतीय वायुसेना अपने सुखोई -30 एमकेआई लड़ाकू जेट से भी लॉन्च कर सकती है. साथ ही यह दुश्मनों के रडार को निशाना बनाकर ध्वस्त कर देता है, इसके कारण इस मिसाइल का पता लगा पाना दुश्मनों के लिए मुश्किल है. इस मिसाइल की रफ्तार ध्वनि से दोगुनी है.

बता दें कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन नयी पीढ़ी के हथियार विकसित करने की दिशा में कार्य कर रहा इसी कड़ी में रूद्रम मिसाइल का परीक्षण बंगाल की खाड़ी में ओडिशा से दूर बालासोर परीक्षण रेंज में किया गया. डीआरडीओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह रक्षा शक्ति की दिशा में एक बड़ा कदम है.

इसके जरिये भारतीय वायुसेना के पास इतनी क्षमता आ गयी है कि वो दुश्मन के इलाके में सीमा के अंदर घुसकर उनकी हवाई शक्ति को तहस-नहस कर सकता है. साथ ही इस मिसाइल की मदद से भारतीय वायुसेना को बिना किसी रुकावट के अपना मिशन पूरा करने में मदद मिलेगी.

इस मिसाइल की खासियत यह है कि इसे 500 मीटर की ऊंचाई से लेकर 15 किलोमीटर तक की ऊंचाई से लॉन्च किया जा सकता है. रूद्रम-1 की तेज रफ्तार इसे युद्ध के मैदान में एक अजेय योद्धा बनाती है. यह 250 किलोमीटर तक के रेंज में हरएक ऐसी वस्तु को निशाना बना सकती है जिससे रेडियेशन निकल रहा हो. इतना की नहीं रेडियो सिग्नल, रडार के साथ एयरक्राफ्ट में लगे रेडियो भी इसके निशाने पर रहेंगे.

यह मिसाइल सामरिक वायु से सतह पर मार करने वाली मिसाइल AGM-88E एडवांस्ड एंटी-रेडिएशन गाइडेड मिसाइल है, जिसे 2017 में ही US नेवी द्वारा शामिल किया गया था और यह रीकॉन्डेबल इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस टार्गेट और शटडाउन क्षमता से लैस अन्य टार्गेट को अटेंड कर सकती है. इसका मतलब यह है कि अगर मिसाइल के लॉन्च होने के बाद दुश्मन रडार को बंद कर देता है, तो भी दुश्मन का रडार रूद्रम के निशाने पर रहेगा.

हवा से जमीन में मार करने वाला एंटी रेडियेशन मिसाइल रूद्रम इतना चालाक है. यह निष्क्रिय होमिंग हेड से लैस है, जो रेडियेशन के कई प्रकार के स्रोतों को ट्रैक करता है. इसके बाद लॉक करता है. इतना ही नहीं इसे लॉन्च करने के बाद भी टार्गेट के लिए लॉक किया जा सकता है. “नई जनरेशन एंटी-रेडिएशन मिसाइल (रुद्रम -1) पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल है. डीआरडीओ ने भारतीय वायु सेना के लिए इसे विकसित किया है.

Posted By: Pawan Singh

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