रूस ने भारत के सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यता का किया समर्थन, लद्दाख में चीन के साथ टकराव पर दिया बड़ा बयान
Russia supports India, permanent member , UN Security Council , No third party needed, India-China clash in Ladakh : चीन के साथ लद्दाख में जारी तनाव के बीच रूस ने भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लवारोव ने एक बयान में कहा कि रूस भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करता है. रूस हमेशा से UNSC के स्थायी सदस्यता का समर्थन करते आया है.
नयी दिल्ली : चीन के साथ लद्दाख में जारी तनाव के बीच रूस ने भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लवारोव ने एक बयान में कहा कि रूस भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करता है. रूस हमेशा से UNSC के स्थायी सदस्यता का समर्थन करते आया है.
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा, आज हमने संयुक्त राष्ट्र के संभावित सुधारों की बात की और भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने के लिए एक मजबूत उम्मीदवार है और हम भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करते हैं. हमारा मानना है कि यह सुरक्षा परिषद का पूर्ण सदस्य बन सकता है.
मालूम हो भारत फिलहाल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का अस्थायी सदस्य है. पिछले हफ्ते भारत 8वीं बार अस्थायी सदस्य के रूप में चुना गया था. पिछले हफ्ते हुए चुनाव में 192 वोटों में से भारत के पक्ष में 184 वोट पड़े थे.
भारत-चीन विवाद पर रूस ने कहा, यह दोनों देशों का आपसी मामला
रूस ने भारत-चीन सीमा विवाद पर भी टिप्पणी की और कहा कि यह दोनों देशों के बीच का मसला है और इसमें किसी तीसरे पक्ष को नहीं पड़ना चाहिए. रूस के विदेश मंत्री ने कहा, भारत और चीन को किसी तीसरे पक्ष की आवश्यता नहीं है, दोनों ही देश अपने विवाद खुद ही सुलझा लेंगे. उन्होंने आशा व्यक्त ही है कि जल्द ही दोनों देशों के बीच सीमा विवाद खत्म हो जाएगा.
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रूसी विदेश मंत्री ने कहा, हम आशा करते हैं कि स्थिति आगे शांतिपूर्ण बनी रहेगी और भारत और चीन विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के प्रति प्रतिबद्ध रहेंगे. मैं नहीं समझता हूं कि भारत और चीन को किसी बाहरी की जरूरत है. मैं यह भी नहीं समझता हूं कि उन्हें मदद किए जाने की जरूरत है. खासतौर पर तब जब देशों का मामला हो. वे खुद से इसका समाधान कर सकते हैं. इसका मतलब हालिया घटनाओं से है.
चीन के साथ तनाव के बीच रूस दौरे पर हैं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
मालूम हो चीन के साथ लद्दाख में मौजूदा तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस दौरे पर हैं. इस दौरान वह समय पर एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली उपलब्ध कराने तथा द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तारित करने के तौर-तरीकों पर चर्चा करेंगे. राजनाथ द्वितीय विश्वयुद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत विजय की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 24 जून को मॉस्को में आयोजित भव्य सैन्य परेड में शामिल होंगे.
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर विदेश यात्रा पर प्रतिबंध के बाद चार महीने में किसी वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री की यह पहली विदेश यात्रा है. अधिकारियों ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते सभी निर्धारित सावधानियों का पालन करते हुए सिंह भारतीय वायुसेना के एक विमान से रवाना हुए.
रक्षा मंत्री की रूस यात्रा ऐसे समय हो रही है जब लद्दाख में चीन के साथ भारत का गतिरोध बरकरार है, खासकर तब जब पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के वीरगति को प्राप्त होने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है. रूस दोनों देशों के बीच तनाव को लेकर भारत और चीन के संपर्क में है.
posted by – arbind kumar mishra