Ukraine Russia War: ‘ऑपरेशन गंगा’ आखिरी चरण में, दूतावास की अपील- बुडापेस्ट पहुंचें बचे हुए भारतीय छात्र

Ukraine Crisis हंगरी में भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर अहम घोषणा की है. कहा गया है कि भारतीय दूतावास ने आज ऑपरेशन गंगा उड़ानों के अपने अंतिम चरण की शुरुआत की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 6, 2022 3:42 PM
an image

Ukraine Russia Crisis रूस की ओर से यूक्रेन के खिलाफ छेड़ी गई जंग को अब ग्यारह दिन बीत चुके हैं. इस बीच, हंगरी में भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर अहम घोषणा की है. कहा गया है कि भारतीय दूतावास ने आज ऑपरेशन गंगा उड़ानों के अपने अंतिम चरण की शुरुआत की. दूतावास का कहना है कि अपने स्वयं के आवास में रहने वाले सभी छात्रों से अनुरोध किया जाता है कि वे हंगरिया सिटी सेंटर, राकोकजी यूटी 90, बुडापेस्ट में सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच पहुंच जाएं.

हंगरी में कंट्रोल रूम स्थापित

हंगरी में भारतीय दूतावास की ओर से जानकारी दी गई है कि यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने के लिए बुडापेस्ट में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. वहीं, दूतावास की ओर से हंगरी-यूक्रेन बॉर्डर पर टीमों को तैनात किया गया है. 150 से अधिक स्वयंसेवक भी भारतीयों को निकालने में मदद कर रहे हैं. बता दें कि हंगरी की सीमा युद्धग्रस्त यूक्रेन से लगती है और अभी तक इस देश से होते हुए हजारों भारतीयों को भारत लाया गया है. 2,200 से अधिक भारतीयों को स्वदेश वापस लाने के लिए रविवार को बुडापेस्ट, कोसिसे, रेजजो और बुखारेस्ट से ग्यारह और विशेष उड़ानें संचालित होने की उम्मीद है.


जल्द से जल्द निकासी के लिए छात्र करें ये काम

युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है. इस बीच, भारतीय दूतावास की ओर से कहा गया है कि अभी भी जो भारतीय नागरिक यूक्रेन में फंसे हैं, वे तत्काल भारतीय दूतावास से संपर्क करें. दूतावास ने कहा है कि ऑनलाइन फॉर्म भरते समय छात्र अपना मोबाइल नंबर और स्थान जरूर साझा करें, जिससे उनकी जल्द से जल्द निकासी की जा सके. इधर, इजरायल में भारत के दूतावास के उप प्रमुख राजीव बोडवाडे को भी विशेष ड्यूटी पर नियुक्त किया गया है. उन्होंने बताया कि हमारे पास हंगरी-यूक्रेन सीमा पर टीमें हैं जो हमें इस बात की जानकारी दे रही हैं कि कितने भारतीय सीमा पार कर रहे हैं, अन्य टीमें आवास, परिवहन आदि की देखभाल कर रही हैं. 150 से अधिक स्वयंसेवक हमारी मदद कर रहे हैं.

Exit mobile version