Loading election data...

भारत से यूक्रेन नहीं भेजा गया गोला-बारूद, विदेश मंत्रालय ने कहा-  विदेशी मीडिया फैला रहा अफवाह

Russia Ukraine War: रॉयटर्स की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारतीय हथियार निर्माताओं द्वारा बेचे गए तोप के गोले यूरोप के माध्यम से यूक्रेन पहुंचाए जा रहे हैं.

By Aman Kumar Pandey | September 20, 2024 8:20 AM
an image

Russia Ukraine War: भारत और रूस के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती और मजबूत संबंधों में विदेशी मीडिया दरार डालने की कोशिश कर रहा है. हाल ही में, विदेशी मीडिया ने यह अफवाह फैलाई कि भारत से युद्ध सामग्री और हथियार यूक्रेन भेजे जा रहे हैं. इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त की है. 19 सितंबर को मीडिया में आई इस खबर को विदेश मंत्रालय ने ‘गलत’ बताया है, जिसमें यह दावा किया गया था कि भारतीय हथियार निर्माताओं द्वारा बेचे गए तोप के गोले यूरोपीय ग्राहकों के जरिए यूक्रेन पहुंच रहे हैं. यह भी कहा गया था कि भारत ने इस व्यापार को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है.

इसे भी पढ़ें: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में नहीं दिया इजरायल का साथ, फिलिस्तीन से भी बनाई दूरी, जानें क्यों ?

इन आरोपों के जवाब में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि “हमने रॉयटर्स की खबर देखी है. यह पूरी तरह से काल्पनिक और भ्रामक है. इसमें भारत पर अनुचित आरोप लगाए गए हैं, जो पूरी तरह गलत और शरारतपूर्ण हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि सैन्य और दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं के निर्यात पर भारत का रिकॉर्ड अंतरराष्ट्रीय नियमों का पूरी तरह पालन करने वाला रहा है. जायसवाल ने स्पष्ट किया कि भारत अपने रक्षा निर्यात में अंतरराष्ट्रीय परमाणु अप्रसार दायित्वों का ध्यान रखता है और इसके लिए मजबूत कानूनी और नियामक ढांचा अपनाया गया है, जिसमें अंतिम उपयोगकर्ता की जाँच और प्रमाणन का सख्त पालन किया जाता है.

इसे भी पढ़ें: Rohtak Gang War: रोहतक में खूनी गैंगवार, राहुल बाबा और पलोटरा गुट की भिड़ंत, 3 की मौत 2 घायल

रॉयटर्स की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारतीय हथियार निर्माताओं द्वारा बेचे गए तोप के गोले यूरोप के माध्यम से यूक्रेन पहुंचाए जा रहे हैं और भारत ने इस व्यापार को रोकने के लिए कोई हस्तक्षेप नहीं किया है, जबकि रूस इसका विरोध कर रहा है. रिपोर्ट में 11 अज्ञात भारतीय और यूरोपीय सरकारी और रक्षा अधिकारियों के बयान और सीमा शुल्क के आंकड़ों का विश्लेषण प्रस्तुत किया गया था. इसमें यह भी कहा गया कि रूस के विरोध के बावजूद यूक्रेन की मदद के लिए हथियारों का यह हस्तांतरण पिछले एक साल से चल रहा है.

Exit mobile version