Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच व्लादिमीर पुतिन से मिले NSA अजीत डोभाल, क्या रुक जाएगी जंग
Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. डोभाल और पुतिन की मुलाकात के बाद जंग रुकने को लेकर खबरें चल रही हैं.
Russia Ukraine War: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सेंट पीटर्सबर्ग के कोंस्टैंटिनोव्स्की पैलेस में भारत के प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बैठक की. बातचीत के दौरान, रूस के राष्ट्रपति ने 22 अक्टूबर को कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव रखा. बदले में अजीत डोभाल ने प्रधानमंत्री की ओर से आभार व्यक्त किया. उन्होंने नरेंद्र मोदी की यूक्रेन की अपनी हालिया यात्रा के बारे में जानकारी साझा करने की तत्परता के बारे में भी बताया.
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Russia Ukraine War: पुतिन से मुलाकात से पहले रूसी समकक्ष से मिले डोभाल
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सेंट पीटर्सबर्ग में अपने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगु से मुलाकात की और यूक्रेन तथा रूस के बीच संघर्ष को समाप्त कराने में भारत की संभावित भूमिका पर चर्चाओं के बीच आपसी हितों के अनेक मुद्दों पर बातचीत की. डोभाल-शोइगु की यह मुलाकात ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के एक सम्मेलन से इतर बुधवार शाम को हुई.
डोभाल और शोइगु के बीच क्या हुई बात
डोभाल और शोइगु के बीच वार्ता पर रूस में भारतीय दूतावास ने कहा, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति की समीक्षा की और परस्पर हितों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की. डोभाल की ये रूस यात्रा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यूक्रेन की राजधानी कीव की ‘हाई प्रोफाइल’ यात्रा के ढाई हफ्ते बाद हुई है. जेलेंस्की से बातचीत में मोदी ने कहा था कि युद्ध को खत्म करने के लिए यूक्रेन और रूस दोनों को बिना समय गंवाए बैठकर बात करनी चाहिए और भारत क्षेत्र में शांति बहाल करने में सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार है. प्रधानमंत्री ने कहा था कि संघर्ष की शुरुआत से ही भारत शांति का पक्षधर रहा है और वह संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए व्यक्तिगत रूप से भी योगदान दे सकते हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मॉस्को में शिखर वार्ता के छह हफ्ते बाद मोदी ने यूक्रेन की यात्रा की थी। वर्ष 1991 में यूक्रेन के स्वतंत्र होने के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यूक्रेन यात्रा थी.