रूस का विक्ट्री डे परेड 2020 इस बार बहुत ही खास है, क्योंकि यह द्वितीय विश्व युद्ध में रूस के बलिदान और मित्र देशों के विजय के प्रतीक के रूप में आयोजित किया गया है. विक्ट्री डे परेड में इस वर्ष भारतीय सेना के साथ-साथ 11 अन्य देशों की सेनाओं ने भी हिस्सा लिया. भारतीय सेना के तीनों अंग थल सेना, वायुसेना और नेवी के जवान विक्ट्री डे परेड में शामिल हुए.
विक्ट्री डे परेड का आयोजन रूस की राजधानी मास्को के रेड स्क्वयार में किया गया. 1945 में आज ही के दिन रूस ने जर्मनी को परास्त किया था और ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी, जिसकी आज 75वीं जयंती है.
इस परेड में भारतीय सेना की भागीदारी द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान रूस ने जो बड़ा त्याग किया था, उसके प्रति सम्मान का भाव है. साथ ही यह उन भारतीय सैनिकों को भी सम्मान है, जो द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान शहीद हुए थे. दूसरे विश्वयुद्ध के समय भारत पर अंग्रेजों का कब्जा था. इसलिए भारतीय सैनिक भी नाजी जर्मनी के विरुद्ध युद्ध में शामिल थे. इस युद्ध में लगभग 20 लाख भारतीय सैनिक शामिल हुए थे और देसी रियासतों ने युद्ध के लिए अंग्रेजों को बड़ी धनराशि भी दी थी.
चीन के विक्ट्री परेड में शामिल होने के लिए भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मास्को गये हुए हैं. विक्ट्री डे परेड में भारतीय सेना उस वक्त शामिल हो रही है, जब भारत का पड़ोसी देश चीन से सीमा विवाद चल रहा है. रूस भारत का पुराना सहयोगी है और भारत के मित्र राष्ट्रों में शामिल है. यही कारण है कि इस परेड में भारत के शामिल होने के मायने अहम हैं. भारतीय सेना के 75 सैनिक और अधिकारी इस परेड में शामिल हो रहे हैं.
भारत के अतिरिक्त और 11 देशों के सैनिक भी इस परेड में शामिल हो रहे हैं, जिनमें चीन भी शामिल हैं. यह सभी देश द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान रूस के साथ खड़े थे और जर्मनी के खिलाफ युद्ध लड़ा था. यह विश्वयुद्ध 1939 से शुरू हुआ था और 1945 में जर्मनी की हार के बाद समाप्त हुआ. इस युद्ध में मित्र राष्ट्रों की जीत हुई थी. लेकिन नुकसान बहुत ज्यादा हुआ था क्योंकि इस युद्ध में परमाणु बम का प्रयोग हुआ था.