नई दिल्ली : रूस की कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक वी के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए भारतीय दवा नियामक की ओर से मंजूरी मिल गई है. देश की प्रमुख दवा बनाने वाली कंपनी डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज ने मंगलवार को इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि उसे कोरोना की वैक्सीन स्पुतनिक के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है. स्पुतनिक वी भारत में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के बाद इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी पाने वाली तीसरी वैक्सीन है.
डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज ने कहा कि कंपनी को दवा और कॉस्मेटिक्स कानून के तहत नए दवा एवं चिकित्सकीय परीक्षण नियम-2019 के तहत इमरजेंसी में सीमित इस्तेमाल के लिए भारत में स्पुतनिक वैक्सीन को आयात करने की इजाजत दी गई है. बता दें कि डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज ने सितंबर 2020 में स्पुतनिक वैक्सीन के क्लिनिकल टेस्ट शुरू करने और भारत में वैक्सीन की आपूर्ति के लिए रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के साथ भागीदारी की थी. आरडीआईएफ की ओर से रूस में किए गए टेस्ट के अलावा डॉ रेड्डीज ने भारत में वैक्सीन के चरण दो और तीन फेज में क्लिनिकल टेस्ट किए हैं.
डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज को-चेयरमैन और प्रबंध निदेशक जीवी प्रसाद ने कहा कि भारत में संक्रमण के बढ़ते मामलों के साथ कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई में वैक्सीनेशन सबसे प्रभावी साधन है. इससे हम आबादी के एक बड़े हिस्से को वैक्सीन लगाने के प्रयास में योगदान कर सकेंगे.
रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) ने कहा कि भारत में हर साल स्पुतनिक वी वैक्सीन की 85 करोड़ से अधिक खुराक तैयार की जाएगी. भारत ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए स्पुतनिक वी के सीमित इमजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी है. भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने आपातकालीन उपयोग के लिए इस वैक्सीन को रजिस्टर्ड किया है. यह वैक्सीन रूस में क्लिनिकल टेस्ट को पूरा कर चुकी है और भारत में तीसरे फेज के क्लिनिकल टेस्ट में इसका रिजल्ट काफी पॉजिटिव रहा है.
आरडीआईएफ की ओर से जारी एक एक बयान में कहा गया है कि करीब तीन आबादी वाले देशों में वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी मिल चुकी है और भारत स्पुतनिक वी को मंजूरी देन वाला 60वां देश है. बयान में कहा गया कि आबादी के लिहाज से भारत इस टीके को अपनाने वाला सबसे बड़ा देश है और वह स्पुतनिक वी के उत्पादन में भी सबसे आगे है. डीसीजीआई ने कुछ शर्तों के साथ स्पुतनिक वी के सीमित इमरजेंसी इस्तेमाल को को मंजूरी दी है.
आरडीआईएफ के सीईओ किरिल दिमित्रिव ने कहा कि वैक्सीन को मंजूरी एक बड़ा मील का पत्थर है, क्योंकि दोनों देशों के बीच स्पुतनिक वी के क्लिनिकल टेस्ट और इसके स्थानीय उत्पादन को लेकर व्यापक सहयोग बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि रूसी वैक्सीन का असर 91.6 फीसदी तक है. ये कोरोना के गंभीर मामलों के प्रति पूरी तरह से सुरक्षा मुहैया कराता है जैसा कि प्रमुख चिकित्सा पत्रिका द लैंसेट में प्रकाशित आंकड़ों से पता चलता है.
जहां तक रूस की कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक वी की कीमत का सवाल है, तो दुनिया के दूसरे देशों में इसके एक शॉट का मूल्य 10 डॉलर यानी 750 रुपये रखी गई है. हालांकि, भारत में इसकी कीमत क्या होगी, अभी यह तय होना बाकी है.
Posted by : Vishwat Sen