S-400 डील पर बोले रूस के विदेश मंत्री बोले, भारतीय रक्षा क्षमता के लिए यह बेहद अहम
S 400 Deal भारत और रूस के बीच सैन्य संबंधों को मजबूती प्रदान करने के इरादे से आज दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष मीटिंग करने वाले हैं. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है.
S 400 Deal भारत और रूस के बीच सैन्य संबंधों को मजबूती प्रदान करने के इरादे से आज दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष मीटिंग करने वाले हैं. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने दौरे के दौरान भारत को एस-400 मिसाइल सिस्टम और एके-203 राइफल सहित कई ऐसे तोहफे दे सकते हैं, जिससे चीन और पाकिस्तान की टेंशन बढ़ना तय है.
बताया जा रहा है कि रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी से बीच मुलाकात के दौरान दोनों देशों के रिश्तों पर बात होगी. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज सोमवार को पीएम मोदी को एस-400 वायु रक्षा प्रणाली मॉडल गिफ्ट करेंगे. पुतिन 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने आ रहे हैं. इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की है. इस बैठक में दोनों देशों में कई डील पर मुहर लगी है. उनमें से एक एकके 203 का निर्माण अहम है.
#WATCH | Delhi: Russian Foreign Minister Sergey Lavrov speaks to ANI on S-400 deal
— ANI (@ANI) December 6, 2021
"S-400 deal doesn't have only a symbolic meaning. It has a very important practical meaning for an Indian defence capability&situation is basically underway. Deal has been implemented..," he says. pic.twitter.com/NNwyhUvLxo
वहीं, न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि एस-400 डील का केवल प्रतीकात्मक अर्थ नहीं है. बल्कि, भारतीय रक्षा क्षमता के लिए इसका एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यावहारिक अर्थ है और मूल रूप से स्थिति चल रही है. उन्होंने कहा कि हमने अमेरिका की ओर से इस सहयोग को कमजोर करने और भारत को अमेरिकी आदेशों का पालन करने के लिए इस क्षेत्र को कैसे विकसित किया जाना चाहिए. इस अमेरिकी दृष्टिकोण का पालन करने के प्रयासों को देखा है.
साथ ही रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि हमारे भारतीय मित्रों ने स्पष्ट और दृढ़ता से समझाया कि वे एक संप्रभु देश हैं और वे तय करेंगे कि किसके हथियार खरीदने हैं और कौन इस और अन्य क्षेत्रों में भारत का भागीदार बनने जा रहा है.
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