पिछले दिनों देश की राजधानी दिल्ली में जी 20 की बैठक हुई. इस बैठक में रूसी राष्ट्रपति के शामिल ना होने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस-भारत के बीच रिश्ते को लेकर कई तरह के सवाल उठाये जा रहे थे, लेकिन इसके कुछ ही दिनों के बाद रूसी सरकार के वरिष्ठ मंत्री भारत दौरे पर है.
रूस के तकरीबन 22 विश्वविद्यालयों के चांसलर, वाइस चांसलर , डीन, डायरेक्टरों की डेलीगेशन रूस में भारतीय छात्रों के रोजगार की संभावना तलाशने के लिए अहम बैठक की. देश की की टॉप दस यूनिवर्सिटी आईआईटी दिल्ली , जेएनयू, दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया-मिलिया के डेलीगेशन के साथ रूसी डेलीगेशन ने राउंड टेबल बैठक की, जिसमें भारत-रूस यूनिवर्सिटी मिलकर छात्रों के लिये रिसर्च , डिप्लोमा जैसे कई प्रोग्राम शुरू करने को लेकर चर्चा हुई.
दिल्ली के रूसी कल्चर सेंटर में आयोजित समारोह में रूसी यूनिवर्सिटी के डेलीगेशन के साथ रूसी सरकार के डिप्टी मिनिस्टर शवेत्सोव पावेल शामिल हुए. रूस के 22 यूनिवर्सिटीज ने अलग-अलग कॉलेजों में 500 छात्रों के लिए सौ फीसदी स्कॉलरशिप प्रोग्राम का एलान किया गया. ये 22 विश्वविद्यालय रूस के उन इलाकों से है जहां रूस-यूक्रेन युद्ध का साया दूर-दूर तक नहीं है. 2024-25 सत्र के लिये लगे एजुकेशन फ़ेयर में छात्रों के लिये आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस, साइबर फ़ाइनैंस, एमबीए , एमबीबीएस , टूरिज़्म के सेक्टर पर जोर दिया जा रहा है.
जब रूस के मंत्री से रूस-यूक्रेन युद्ध के हालातों पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कहीं कोई युद्ध नहीं है बल्कि यह रूस की ओर से चलाया जा रहा सैन्य अभियान है. इसका कोई असर भारत-रूस के रिश्तों पर नहीं है. हम हाल के दिनों में भारत की मेजबानी में हुए जी 20 की बैठक के सूत्र लक्ष्य वसुधैव कुटुंमबकम को शांति के जरिये आगे बढ़ा रहे हैं.